DESK: मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को झटका दे दी है। कोर्ट ने हिंदू पक्ष में फैसला सुनाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मुकदमे को सुनने योग्य बताया है। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की अगली तिथि 12 अगस्त रखी है।
बता दें कि, इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मयंक जैन ने कहा कि यह मामला सुनवाई योग्य है। हिंदुओं की पक्षकार और अदालत के सामने कई नए तथ्य प्रस्तुत करने वाली सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट रीना एन सिंह ने बताया कि इस मामले पर 6 महीने से ज्यादा समय तक सुनवाई चली और नए-नए तथ्य अदालत के सामने प्रस्तुत किए गए।
शुरुआत में मुस्लिम पक्ष के की ओर से ये भी कहा गया कि मेरे पास मुकदमा लड़ने के लिए पैसे नहीं हैं। वहीं इसी मामले में बहस के दौरान रीना एन सिंह की ओर से वक्फ बोर्ड को जमीन कब्जाने वाली एक संस्था बताया गया। जिसका जोरदार प्रतिवाद मुस्लिम पक्ष ने किया था। दरअसल, हिंदू पक्ष के सिविल वाद शाही ईदगाह मस्जिद का ढांचा हटाकर जमीन का कब्जा देने और मंदिर का पुनर्निर्माण कराने की मांग को लेकर दायर किए गए हैं।
दावा है कि मुगल सम्राट औरंगजेब के समय की शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण भगवान कृष्ण की जन्मस्थली पर बने मंदिर को कथित तौर पर ध्वस्त करने के बाद किया गया है। इसलिए उस विवादित स्थल पर हिंदुओं को पूजा का अधिकार है। वहीं, वादियों की विधिक हैसियत पर सवाल खड़ा करते हुए मुस्लिम पक्ष का कहना है कि श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट और शाही ईदगाह कमेटी के बीच कोई विवाद नहीं है।