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भारत में 28 अक्टूबर को लगेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, जानें कब, कहां और कैसे देख सकेंगे

भारत में 28 अक्टूबर को लगेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, जानें कब, कहां और कैसे देख सकेंगे

पटना-  ग्रहण सदा से इंसान को जितना अचंभित करता रहा है . इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को लग रहा है. यह चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा. इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल प्रभावी माना जाएगा. ज्योतिषीय दृष्टि से यह ग्रहण एक बड़ा ग्रहण होगा, क्योंकि इस ग्रहण का बहुत अधिक राशियों पर पड़ेगा. चंद्रमा से प्रभावित होने वाली राशियां इससे प्रभावित होंगीं. ग्रहण का सूतक काल शाम 4 बजे से लग जाएगा, तो देशभर के सभी मंदिरों में दर्शन बंद हो जाएंगे. शरद पूर्मिमा को खीर रात भर ओस में रखा जाता था इस बार इस पर भी ग्रहण है. इस बार खीर का भोग नहीं लग पाएगा.

दिल्ली, मुंबई, चेन्नई एवं बेंगलुरू में ग्रहण की पूर्णावस्था के अंत के उपरांत चंद्रोदय होगा एवं उस समय आंशिक ग्रहण चल रहा होगा. इन शहरों में चंद्रोदय के समय से लेकर ग्रहण की आंशिक अवस्था के अंत तक की अवधि क्रमश: 50 मिनट, 18 मिनट, 40 मिनट एवं 29 मिनट तक की होगी. भारत में अगला चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर 2023 को लगेगा, जो कि आंशिक चंद्र ग्रहण होगा. भारत में भी चंद्र ग्रहण दिल्‍ली, गुवाहटी, दयपुर, उज्‍जैन, बडौदरा, वाराणसी, प्रयागराज, चेन्‍नई, हरिद्वार, द्वारका, मथुरा, हिसार, बरेली, कानपुर, आगरा, रेवाड़ी,अजमेर, अहमदाबाद, अमृतसर, बेंगलुरु भोपाल, भुवनेश्‍वर, चंडीगढ़, देहरादून, लुधियाना जयपुर, जम्‍मू, कोल्‍हापुर, कोलकाता और लखनऊ, मदुरै, मुंबई, नागपुर, पटना, रायपुर, राजकोट, रांची, शिमला, सिल्‍चर, समेत कई शहरों में नजर आएगा. आंशिक चंद्र ग्रहण आधी रात के आसपास भारत के सभी स्थानों पर दिखाई देगा. ग्रहण की अवधि 1 घंटा 19 मिनट रहेगी. ग्रहण का उपच्छाया चरण 01 बजे शुरू होगा. 29 अक्टूबर को 05 मिनट और 02:24 मिनटपर समाप्त होगा.

सूर्य की परिक्रमा के दौरान पृथ्वी, चांद और सूर्य के बीच में इस तरह आ जाती है कि चांद धरती की छाया से छिप जाता है. यह तभी संभव है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा अपनी कक्षा में एक दूसरे की बिल्कुल सीध में हों.पूर्णिमा के दिन जब सूर्य और चंद्रमा की बीच पृथ्वी आ जाती है तो उसकी छाया चंद्रमा पर पड़ती है. इससे चंद्रमा का छाया वाला भाग अंधकारमय रहता है. और इस स्थिति में जब हम धरती से चांद को देखते हैं तो वह भाग हमें काला दिखाई पड़ता है. इसी वजह से इसे चंद्र ग्रहण कहा जाता है.

चंद्र ग्रहण जैसी खगोलीय घटनाओं पर दुनियाभर की कई ऑब्ज़वेट्री की नज़र होती है. इसे किसी टेलीस्कोप से या खुली आंखों से देखा जा सकता है.


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