पांच करोड़ की लागत से बने कॉलेज के नए भवन का बुरा हाल, छत से रिसते पानी को रोकने के लिए हर दिन बाल्टी लेकर आते हैं शिक्षक

पांच करोड़ की लागत से बने कॉलेज के नए भवन का बुरा हाल, छत से

MUNGER : बिहार की शिक्षा व्यवस्था का किस तरह बेड़ागर्क कर दिया गया है। यह जगजाहिर है। प्राथमिक स्कूलों से लेकर कॉलेजों तक गिनती के ऐसे भवन होंगे, जिनकी हालत अच्छी होगी। कई कॉलेज भवन ऐसे हैं, जिनका निर्माण पिछले कुछ सालों में हुआ है। लेकिन खराब निर्माण के कारण इन भवनों की दीवारों से पानी रिसने लगा है। जो इन निर्माण में किस तरह से पैसे का बंदरबांट किया गया, उसकी हकीकत को बयां कर रहे हैं। 

दरअसल,  मुंगेर विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार लगातार अपने अधिकारियों से कॉलेजों का निरीक्षण करा कर इसकी रिर्पोट विभाग को भेजी जा रही है. लेकिन हाल के दिनों में एमयू के अधिकारियों के निरीक्षण रिर्पोट की पोल खुलती नजर आ रही है. कॉलेजों में शिक्षक बारिश के बीच कॉलेज की छत से टपक रहे पानी से बचने के लिये बाल्टी लिये बैठे हैं. यह हाल कहीं और नहीं, बल्कि एमयू के 5 करोड़ की लागत से बने विश्वविद्यालय भवन से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित जेएमएस कॉलेज, मुंगेर की है. और किसी ने इसका वीडियो बना वायरल कर दिया ।

 वायरल वीडियो एमयू मुख्यालय में विश्वविद्यालय भवन से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित जेएमएस कॉलेज की है जहां  शिक्षक और कर्मी अपने कार्यालय में  मुंगेर में हो रही मूसलाधार बारिश के बीच छत से टपकते पानी से बचने के लिये बाल्टी लिये बैठे नजर आये. हाल यह था कि कॉलेज के जर्जर भवन की छत से बारिश का पानी जहां पूरे कार्यालय में टपकता रहा. वहीं दीवारों से होकर बारिश का पानी अंदर आता रहा. अब ऐसे में कॉलेज में छात्र-छात्राओं का दस्तावेज किस स्थिति में होगा. इसे साफ समझा जा सकता है. एमयू मुख्यालय से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित में जो नजारा देखने को मिला. उससे अब एमयू के अधिकारियों का कॉलेजों के निरीक्षण रिर्पोट की पोल भी खुलने लगा है.

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बता दें कि शिक्षा विभाग के निर्देश पर अगस्त माह से ही एमयू के अधिकारी कॉलेजों का निरीक्षण कर रहे हैं. जिसकी रिर्पोट भी शिक्षा विभाग को भेजी जा रही है. लेकिन इसके बावजूद हाल के दिनों में जो नजारा एमयू के कॉलेजों में देखने को मिल रहा है. वायरल वीडियो की पुष्टि हमारा चैनल नहीं करता है।