पटना. कोरोना टीके लगवाने को लेकर सरकार की ओर से जन जागरूकता के हर प्रकार के प्रयास के बाद भी ऐसे आलसी और लापरवाहों की कोई कमी नहीं है जो कोरोना के खतरे को बढ़ाने वालों में शामिल है. है। केंद्रीय परिवार व कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी नियमित डेटा के अनुसार देश में ऐसे चार राज्य हैं जहाँ एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने टीके की पहली खुराक नहीं ली है. बिहार में कोरोना टीके की पहली डोज नहीं लगवाने वालों की संख्या एक करोड़ 77 लाख 9 हजार 338 है. यानी पौने दो करोड़ से ज्यादा लोगों ने राज्य में अब तक कोरोना का टीका नहीं लगवाया है.
बिहार के आलावा उत्तरप्रदेश में 3.05 करोड़, महाराष्ट्र में 1.43 करोड़, तमिलनाडु में 1.09 करोड़ लोगों को अब तक कोरोना का टीका नहीं लगा है. बिहार में कोरोना टीकाकरण में तेजी लाने और हर व्यक्ति को टीके की पहली खुराक दिलाने के लिए इन दिनों घर घर सर्वेक्षण कार्य कराया जा रहा है. बावजूद इसके टीकाकरण न कराने वालों की संख्या बेहद चिंताजनक बनी हुई है. खासकर बिहार में पौने दो करोड़ लोगों को टीका न लगना इसकी चिंता बढ़ाता है कि अगर तीसरी लहर का प्रकोप बढ़ा तो राज्य में स्थिति चिंताजनक हो सकती है.
मंत्रालय के डेटा के अनुसार बिहार में 7,34,47,000 लोगों को टीका लगाया जाना है लेकिन अबतक 5,57,37,662 लोगों को ही पहली डोज लगी है। टीका लगवाने की सुस्त रफ्तार से देश में कोरोना बचाव के प्रयासों को बड़ा नुकसान होता दिख रहा है. वहीं देशभर में अब तक 81.10 करोड़ लोगों को टीके की पहली डोज लगी है। इसके अलावा बिहार में टीके के दोनों डोज लेनेवालों की कुल संख्या सवा तीन करोड़ से ज्यादा है.
स्वास्थ्य विभाग का अनुमान है कि जिस रफ्तार से राज्य में लोगों का टीकाकरण हो रहा है उसे देखते हुए फरवरी 2022 तक लोगों को टीके की पहली डोज लग पायेगी. इसी तरह दोनों डोज दिलाने में राज्य में जून 2022 तक का समय लग सकता है.