KHAGDIYA :- बिहार के शिक्षा विभाग के मुख्य अपर सचिव केके पाठक बिहार के विभिन्न जिलों के विद्यालयों में निरीक्षण कर रहे हैं। साथ ही साथ केके पाठक हर दिन शिक्षा के क्षेत्र में तरह-तरह के पत्र जारी कर रहे हैं। बिहार में शिक्षा में सुधारने को लेकर केके पाठक हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। रोजाना जिलाधिकारी से लेकर डीपीओ साहब तक को शिक्षा में सुधारने को लेकर हिदायत दे रहे हैं। फिर भी बिहार में अभी कई ऐसे विद्यालय हैं जहां खंडहर में तब्दील पड़ा हुआ है जिलाधिकारी महोदय का ध्यान आकर्षित होता है और ना ही डीपीओ साहब भला अब कैसे शिक्षा के क्षेत्र में सुधार होगी?

एक अधिकारी शिक्षा को सुधारने में लगे हुए तो दूसरे तरफ शिक्षा को डुबाने में लगे हुए हैं। जिसकी एक बानगी खगड़िया जिले के अलौली प्रखंड के चेराखेरा पंचायत के हरदिया गांव में एक ऐसा विधालय है। जहां आज तक विद्यालय में पढ़ाई तो दूर की बात है विद्यालय 19 बरसों से अब तक अर्द्ध निर्मित और खंडहर में तब्दील है। जहां आज तक पढ़ाई हुई ही नहीं है।

इस विद्यालय में ना तो गेट है ना तो कोई ताला बगैर छत के खंडहर में तब्दील है। इस विद्यालय जाने के लिए पहुंच मार्ग भी नसीब नहीं है चारों तरफ किसानों ने अपने खेतों की जुताई कर फसल लगा दिया वही बारिश कारण विद्यालय के चारों तरफ कीचड़ ही कीचड़। स्थानीय लोगों ने विद्यालय सिर्फ कागज पर ही चल रहा है। विद्यालय में सैकड़ों छात्र छात्राएं 4 से 8 शिक्षक - शिक्षिकाएं भी पदस्थापित हैं।
सबसे बड़ी बात तो यह है किस स्कूल में बगैर शिक्षक शिक्षिका आए हुए सभी शिक्षक शिक्षिकाएं को वेतन भुगतान किया जा रहा है। इन सबके बीच विद्यालय के फर्श को भी पक्की नहीं किया गया है। विद्यालय में ना तो कुर्सी है, और न ही टेबलू - डेस्क है। ब्लैकबोर्ड पर आज तक चौक से लिखा भी नहीं किया है अब जरा बताइए जिस जिस विद्यालय का दयनीय स्थिति हो और अर्द्ध निर्मित परा हो उच्च विद्यालय के शिक्षक शिक्षिका को शिक्षा विभाग 19 वर्षों से कैसे भुगतान कर रही है? जब इस विद्यालय की दशा पर जिले के डीपीओ साहब से पूछा गया तो डीपीओ साहब का जवाब आया इस विद्यालय की जानकारी हमें नहीं है हम मामले की जांच करते हैं दोषी पर कार्रवाई की जाएगी।