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UPSC लैटरल इंट्री स्कीम का नहीं थम रहा विरोध, अखिलेश के साथ मायावती ने दी बड़ा आंदोलन शुरू करने की चेतावनी, तेजस्वी पहले ही जता चुके हैं नाराजगी

UPSC लैटरल इंट्री स्कीम का नहीं थम रहा विरोध, अखिलेश के साथ मायावती ने दी बड़ा आंदोलन शुरू करने की चेतावनी, तेजस्वी पहले ही जता चुके हैं नाराजगी

LUCKNOW : यूपीएससी के लैटरल इंट्री स्कीम के विज्ञापन प्रकाशित होने के बाद इस पर विपक्ष का विरोध बढ़ता जा रहा है। एक दिन पहले जहां तेजस्वी यादव ने विज्ञापन को आरक्षण के विरुद्ध बताते हुए केंद्र सरकार पर कई आरोप लगाए थे। वहीं अब यूपी के दो पूर्व सीएम अखिलेश यादव और मायावती ने इस स्कीम के विरुद्ध विरोध का बिगुल फुंक दिया है। दोनों ने साफ कर दिया है कि वह इस स्कीम के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगे। 

अखिलेश ने कहा भाजपा अपनी विचारधारा के संगी-साथियों को पिछले दरवाज़े से यूपीएससी के उच्च सरकारी पदों पर बैठाने की जो साज़िश कर रही है, उसके खिलाफ एक देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने का समय आ गया है. सपा प्रमुख ने आगे कहा, ये स्कीम आज के अधिकारियों के साथ, युवाओं के लिए भी वर्तमान और भविष्य में उच्च पदों पर जाने का रास्ता बंद कर देगा।

उन्होंने कहा यह सारी चाल पीडीए से आरक्षण और उनके अधिकार छीनने की है, अब जब भाजपा ये जान गई है कि संविधान को खत्म करने की बीजेपी की चाल के खिलाफ देश भर का पीडीए जाग उठा है तो वो ऐसे पदों पर सीधी भर्ती करके आरक्षण को दूसरे बहाने से नकारना चाहती है.

साथ ही अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए कहा, बीजेपी सरकार इसे तत्काल वापस ले क्योंकि ये देशहित में भी नहीं है, बीजेपी अपनी दलीय विचारधारा के अधिकारियों को सरकार में रखकर मनमाना काम करवाना चाहती है, सरकारी कृपा से अधिकारी बने ऐसे लोग कभी भी निष्पक्ष नहीं हो सकते, ऐसे लोगों की सत्यनिष्ठा पर भी हमेशा प्रश्नचिन्ह लगा रहे

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर कहा कि वो 2 अक्टूबर को यूपीएससी में लैटरल एंट्री स्कीम के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने वाले हैं, साथ ही उन्होंने युवाओं से भारी तादाद में इस आंदोलन का हिस्सा बनने की अपील की.

मायावती भी गुस्से में

हुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायवती ने भी इस स्कीम का जमकर विरोध किया है और उन्होंने इस स्कीम के खिलाफ तीन बातें सामने रखी है.

मायावती ने कहा, केन्द्र में संयुक्त सचिव, निदेशक एवं उपसचिव के 45 उच्च पदों पर सीधी भर्ती का निर्णय सही नहीं है, क्योंकि सीधी भर्ती के माध्यम से नीचे के पदों पर काम कर रहे कर्मचारियों को प्रमोशन से वंचित रहना पड़ेगा.

इसके साथ ही, इन सरकारी नियुक्तियों में SC, ST व OBC वर्गों के लोगों को उनके कोटे के अनुसार अगर नियुक्ति नहीं दी जाती है तो यह संविधान का सीधा उल्लंघन होगा.

इन उच्च पदों पर सीधी नियुक्तियों को बिना किसी नियम के बनाए हुए भरना यह बीजेपी सरकार की मनमानी होगी, जो कि गैर-कानूनी एवं असंवैधानिक होगा.

यूपीएससी ने लैटरल स्कीम से नौकरी की सीधी भर्ती निकाली है, जिसके खिलाफ अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार का जमकर विरोध किया है. 

तेजस्वी भी जता चुके हैं नाराजगी

लैटरल स्कीम को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार बाबा साहेब के लिखे संविधान और आरक्षण के साथ कैसा घिनौना मजाक एवं खिलवाड़ कर रही है, यह विज्ञापन उसकी एक छोटी सी बानगी है। 𝐔𝐏𝐒𝐂 ने लैटरल एंट्री के ज़रिए सीधे 𝟒𝟓 संयुक्त सचिव, उप-सचिव और निदेशक स्तर की नौकरियां निकाली है लेकिन इनमें आरक्षण का प्रावधान नहीं है। अगर 𝐔𝐏𝐒𝐂 सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से 𝟒𝟓 𝐈𝐀𝐒 की नियुक्ति करती तो उसे 𝐒𝐂/𝐒𝐓 और 𝐎𝐁𝐂 को आरक्षण देना पड़ता यानि 𝟒𝟓 में से 𝟐𝟐-𝟐𝟑 अभ्यर्थी दलित, पिछड़ा और आदिवासी वर्गों से चयनित होते।

2018 में शुरू हुई थी लैटरल स्कीम

बीजेपी सरकार ने यूपीएससी में साल 2018 में लैटरल स्कीम की शुरुआत की थी, जिसके जरिए यूपीएससी के 45 पदों पर सीधी भर्ती हो सकती है. दरअसल, यूपीएससी भारत के एक कठिन एग्जाम में से एक है, जिसमें तीन स्टेज होती हैं पहले प्री एग्जाम देना होता है, जिसके बाद मुख्य परीक्षा देनी होती है और उसके बाद इंटरव्यू होता है. हर साल लाखों की तादाद में छात्र इस परीक्षा में बैठते हैं लेकिन कुछ ही कामयाब हो पाते हैं.

प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों को मिलता है मौका

हालांकि, इस स्कीम के तहत प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले युवाओं को सीधी भर्ती दी जाती है. दरअसल, इस स्कीम में वो कारपोरेट कर्मचारी अप्लाई कर सकते हैं जिनके पास यूजी की डिग्री हो और उन्होंने संबंधित पद और सेक्टर में कम से कम 15 साल काम किया हो. इस स्कीम के तहत ज्वाइंट सेक्रेटरी, डायरेक्टर और डिप्टी सेक्रेटरी लेवल के पदों पर भर्तियां की जाती है. इस स्कीम में आवेदन करने के बाद लोगों का चयन उनके अनुभव के आधार पर किया जाता है और फिर उनका इंटरव्यू लिया जाता है, जिसके बाद इंटरव्यू पास करने वाले छात्रों की नियुक्ति की जाती है

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