जिस RSS-BJP का राजद विरोध करती है, उसी ने लालू प्रसाद को सांसद और बिहार का मुख्यमंत्री बनाया था

PATNA : बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा बिस्फी विधायक हरिभूषण बचौल के विवादित बयान की हो रही है। कल विधानसभा में तेजस्वी यादव ने इस पर लंबा भाषण दिया और कहा कि कोई भी ताकत मुसलमानों से उनका अधिकार नहीं छिन सकती है। मुसलमानों पर दिए गए बयान पर विवाद अभी थमा भी नहीं है कि बचौल ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को लेकर ऐसा बयान दे दिया है, जो शायद राजद नेताओं और उनके समर्थकों को नागवार गुजरेगा। 

लालू प्रसाद लंबे समय से आरएसएस और बीजेपी के धूर विरोधी रहे हैं। लेकिन बिस्फी विधायक ने लालू प्रसाद को लेकर कहा कि जिनका आज वह विरोध करते हैं, उसने ही पहली बार  उन्हें सांसद और बाद में बिहार के मुख्यमंत्री के पद तक पहुंचाया था। हरिभूषण बचौल ने कहा कि RSS के सहयोग से ही लालू प्रसाद का राजनीतिक उत्थान हुआ। RSS नहीं होता तो लालू यादव 1977 में MP और 1990 में मुख्यमंत्री नहीं बन पाते। बता दें कि जब पहली बार सांसद बने उस समय जनता पार्टी की टिकट पर उन्हें मौका दिया गया था। बाद में 1980 में यह पार्टी खत्म हो गई और उसके बाद बीजेपी का उदय हुआ।

तेजस्वी को भी खूब सुनाया

मुस्लिमों को लेकर दिए गए बयान पर विधानसभा से सदस्यता समाप्त करने की तेजस्वी की मांग पर जोरदार हमला करते हुए बचौल ने कहा कि 'जिस पर ED और CBI का मामला चल रहा हो। जिसने न जाने कहां से इतनी संपत्ति जमा कर ली हो। उसकी सदस्यता रहे और जो देश की बात करें उसकी सदस्यता चली जाए? किसकी सदस्यता रहेगी और किसकी जाएगी, यह जनता तय करती है। जनता ही विधानसभा की सदस्यता देती है। 

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उन्होंने अपने दिए गए बयान का बचाव करते हुए कहा कि बयान पर बवाल तो राजनीतिक शोभा है। यह बयान देशद्रोहियों के लिए दिया था, जो वंदे मातरम का अपमान करते हैं। देश का अपमान करते हैं।'

दरअसल, बचौल का बयान AIMIM विधायक अख्तरुल ईमान के उस बयान के बाद आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुसलमानों को उनकी आबादी के हिसाब से अधिकार देना चाहिए। उन्होंने कहा था कि जब देश आजादी पाने के करीब था। उस समय मुस्लिम समुदाय ने देश का विभाजन किया। अपने लिए अलग देश ले लिया। ऐसे में अब उन्हें वहां चले जाना चाहिए। यहां उनका क्या काम?