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अपने ही विधायक पर भड़के बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष, चेताते हुए कहा - बेलगाम बयानों से मोदी सरकार और जनता के बीच दूरी पैदा मत करो

अपने ही विधायक पर भड़के बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष, चेताते हुए कहा - बेलगाम बयानों से मोदी सरकार और जनता के बीच दूरी पैदा मत करो

PATNA : बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल हमेशा से अपने साफगोई बयानबाजी के लिए जाने जाते हैं। अब तक अपने बयानों से जदयू और राजद नेताओं पर निशाने साधते रहे रहे डा. जायसवाल ने इस बार अपने ही विधायक को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा है कि संविधान ने प्रत्येक भारतीय नागरिक को कई अधिकार दिए हैं, जिनमें ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ की गूंज आजकल सबसे अधिक सुनाई देती है. अभिव्यक्ति की आजादी यानी बोलने की स्वतंत्रता. स्वतंत्रता ताकत होती है, लेकिन ताकत के साथ जिम्मेवारियां भी साथ आती है. जिम्मेवारी के बिना ताकत को अराजकता में बदलने में देर नहीं लगती.  हालांकि उन्होंने किसी विधायक का नाम नहीं लिया। लेकिन यह जाहिर था कि उनका इशारा किस भाजपा विधायक की तरफ है। 

बेतूका बयान देना फैशन बनाया

बिस्फी विधायक का नाम लिए बगैर उन्होंने लिखा कि  कुछ लोग संविधानप्रदत इस अधिकार का उपयोग के बजाए दुरूपयोग करने को ही अपनी श्रेष्ठता समझने लगे हैं. बोलने की आजादी की आड़ में बेलगाम बयान देना फैशन सा हो चला है. दुर्भाग्य से विपक्षी दलों द्वारा शुरू किये गये इस ट्रेंड के शिकार कुछ पक्षवाले भी हो गये हैं. इस स्थिति को विशेषकर भाजपा में ,किसी भी कीमत में स्वीकार नहीं किया जा सकता. डा. जायसवाल ने अपने पोस्ट में लिखा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हर भारतवासी का अधिकार है, जिसे कोई छीन नहीं सकता. उसमें भी जब सत्ता में परिवारवादियों के बजाए मोदी सरकार हो तो यह बात नामुमकिन हो जाती है. जो सरकार ‘सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास’ के मूलमंत्र पर काम कर रही हो, उसमें संविधान विरोधी कोई बात कहना खुद से अपनी बेइज्जती करवाने के बराबर है.

जनप्रतिनिधि से ज्यादा शालीनता की उम्मीद 

डा. जायसवाल ने लिखा कि जब आप जनप्रतिनिधि हों तो लोगों की आपसे अपेक्षाएं बढ़ जाती हैं. संयम और शालीनता आपकी कथनी और करनी दोनों में झलकनी चाहिए. नहीं तो जिन ताकतों के विरोध में जनता ने आपको दायित्व दिया है, उनमें और आपमें कोई अंतर बाकि नहीं रह जाता.  सच्चा राजनेता वही होता है जो जात, पात, धर्म, मजहब की उलझनों में खुद भी नहीं फंसता और समाज को भी इससे बाहर निकालने की क्षमता और मंशा दोनों रखता है।

जो सरकार देश के संसाधनों पर एक ख़ास समुदाय का पहला हक बताती थी, उसके दिन बीत चुके हैं. जनता ने उनके हाथों से छीनकर अपार बहुमत के साथ मोदी सरकार के हाथों में देश की बागडोर सौंपी है. इसीलिए जनता और उनका कल्याण ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. भावावेश में भी किसी को भी अपने बयान से जनभावनाओं को आहत करने की छूट नहीं दी जा सकती. 

मोदी सरकार और जनता के रिश्ते को कमजोर न करें

यह देश सबका है और देश के हर नागरिक का इस पर बराबर का हक़ है. मोदी सरकार में लोगों का यह हक सौ प्रतिशत सुनिश्चित है इसीलिए लोगों की मोदी सरकार पर अगाध श्रद्धा है. अपने बयानों से मोदी सरकार और जनता के इस आपसी रिश्ते को कमज़ोर करने की चेष्टा कोई भी न करें.

क्या कहा बिस्फी विधायक ने

गुरुवार को बिस्‍फी सीट से विधायक हरिभूषण बचौल (Hari Bhushan Thakur Bachol) ने मुसलमानों के प्रति एक बार फिर विवादित बयान दिया था। उन्‍होंने कहा था कि भारत में मुसलमानों की वोटिंग राइट खत्‍म किया जाना चाहिए। जनसंख्‍या के हिसाब से भागीदारी देने के सवाल पर बचौल ने कहा कि वो 1947 में मुसलमान अपना हिस्‍सा इस देश से ले चुके हैं। अब उन्‍हें ये देश छोड़कर चले जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनका देश उन्‍हें दे दिया गया है। 

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