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होमगार्ड की हत्या केस में फैमिली कोर्ट के तत्कालीन जज और उनकी पत्नी को नहीं मिली राहत, कोर्ट ने प्राथमिकी निरस्त करने से किया इनकार

होमगार्ड की हत्या केस में फैमिली कोर्ट के तत्कालीन जज और उनकी पत्नी को नहीं मिली राहत, कोर्ट ने प्राथमिकी निरस्त करने से किया इनकार

PATNA : पटना हाई कोर्ट ने खगड़िया फैमिली कोर्ट के तत्कालीन जज और उनकी पत्नी के खिलाफ , होम गार्ड की तथाकथित हत्या के  सिलसिले में दायर हुई प्राथमिकी को निरस्त करने से इंकार करते हुए कोई राहत नही दी।जस्टिस विवेक चौधरी  ने आरोपी न्यायिक अफसर  एवं उनकी पत्नी की ओर से दायर अपराधिक रिट याचिका को खारिज कर दिया।

 शिकायतकर्ता द्वारा दर्ज प्राथमिकी , केस डायरी , मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट वगैर दस्तावेज देखने से यह स्पष्ट होता है कि जिन अपराधों के आरोप , अभियुक्त दंपति के खिलाफ एक अपराधिक मामला बनता है।  अब सबूतों की सच्चाई और आरोपियों की अपराध में संलिप्तता  का निर्धारण मुकदमे के विचारण ( ट्रायल) होने से ही निर्धारण हो सकेगा । इसलिए ऐसी परिस्थिति में प्राथमिकी को निरस्त नहीं किया जा सकता है ।

बीते साल हुई थी हत्या की घटना

बीते साल 1 फरवरी 2022 को फैमिली कोर्ट के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश राज कुमार द्वितीय ने होमगार्ड के जवान महेशखूंट के पतला गांव निवासी वीरेंद्र सिंह पर राइफल तानने का आरोप लगाया था। जिसके बाद एसपी ने जांच के लिए अपने ओएसडी को भेजा था। इस दौरान जब जांच के लिए टीम जज के आवास पर पहुंची तो होमगार्ड जवान को जख्मी हालत में पाया गया। उसके शरीर पर चोट के कई निशान थे। इसके बाद उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां से उसे रेफर किया गया। करीब 7 दिनों तक होमगार्ड का जवान बेगूसराय एक निजी अस्पताल में भर्ती रहा था। हालत में सुधार नहीं होने पर पटना ले जाने के क्रम में होमगार्ड के जवान की मौत हो गई थी।  जिसमें पटना हाईकोर्ट के निर्देश पर ही खगड़िया पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया था

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