PATNA : बिहार विधानसभा में आज विश्वास प्रस्ताव के दौरान जिस तरह से राजद के तीन विधायकों ने नीतीश कुमार के समर्थन में वोट दिया, उसके बाद यह तय माना जा रहा है कि पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। तीनों विधायकों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। जिससे पार्टी के विधायकों की संख्या घटकर सिर्फ 76 रह जाएगी। ऐसे में राजद, जो कि सीटों की संख्या के आधार पर प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी है, उनसे यह तमगा छीन जाएगा। उनकी जगह भाजपा प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी बन जाएगी।
बता दें कि राजद के पास फिलहाल 79 विधायक हैं, जिनमें उनके तीन विधायकों चेतन आनंद, प्रह्नाद यादव और नीलम देवी ने पार्टी के खिलाफ जाकर नीतीश कुमार का समर्थन किया था। जिसके बाद न सिर्फ उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म होने की स्थिति उत्पन्न हो गई है। बल्कि पार्टी से निष्कासन भी संभव है। दोनों ही स्थिति में राजद को अपनी तीन सीटों का नुकसान उठाना पड़ेगा और खुद बखुद राजद प्रदेश की दूसरी बड़ी पार्टी बनकर रह जाएगी।
बीजेपी के सभी विधायक एकजुट
राजद के विपरीत भाजपा के सभी 78 विधायक एकजुट हैं। हालांकि विश्वास प्रस्ताव के दौरान तीन विधायकों के टूटने की संभावना बन रही थी। लेकिन दोपहर होने तक सभी विधायक सदन में एकजुट नजर आए।