PURNIYA : शहर के झंडा चौक पर हर साल की तरह इस साल भी 14 अगस्त की रात ठीक 12 बजकर 01 पर तिरंगा फहराया गया। बता दें कि स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए जब सम्पूर्ण देशवासी 15 अगस्त की सुबह का इंतजार करते हैं। तब देश में दो ऐसी जगह है, जहां 14 अगस्त की रात्रि में झंडा फहराया जाता है।
पहला बाघा बॉर्डर और दूसरा बिहार का पूर्णिया स्थित झंडा चौक पर। पूर्णियावासीयो ने 14 अगस्त की रात ठीक 12 बजकर 01 मिनट पर रात के अंधेरे में आन, बान और शान से तिंरगा फहराया। झंडोतोलन की परंपरा पिछले 72 सालों से आज भी जारी है। सर्वप्रथम स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर कुमार सिंह ने फहराया था।
वहीं, आज रात ठीक 12 बजकर 01 मिनट पर झंडोत्तोलन कार्यक्रम को लेकर विपुल के पारिवारिक सदस्यों के साथ ही पूरा शहर एक बार फिर इस ऐतिहासिक क्षणों में तिरंगा फहराया। इस बार झंडा चौक स्थल पर कई चीजें बदल गई हैं। पूर्णिया महापौर के सहयोग से ऐतिहासिक स्थल के चारों ओर लगाए गए स्टील के बेड़े स्थल की सुंदरता में चार-चांद लगा रहे हैं।
इस बाबत समाजसेवी दिलीप कुमार दीपक आजादी की उस रात की स्वर्णिम इतिहासों को याद करते हुए बताते हैं कि 14 अगस्त 1947 की रात जैसे ही लार्ड माउंट बेटन द्वारा भारत को स्वतंत्र गणराज्य बनाए जाने की उद्घोषणा स्वतंत्रता के परवानों तक पहुंची।
वैसे ही असहयोग, दांडी और जेल भरो जैसे आंदोलनों में जिले से सक्रिय भूमिका निभाने वाले कांग्रेस नेता रामेश्वर प्रसाद सिंह और कई अन्य आजादी के परवाने इतने उत्साहित हो गए कि बगैर किसी देरी के भट्टा बाजार स्थित चौक पर ठीक 12 बजकर 01 मिनट पर झंडा फहरा दिया और तभी से इस चौक को झंडा चौक के नाम से पुकारा जाने लगा।
पूर्णिया से श्याम नंदन की रिपोर्ट