बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

‘संध्या’ की अद्भुत छटाः जल त्रासदी के बीच 11वीं की छात्रा अकेले नाव खेकर जाती है स्कूल, गांव सहित जिले में बन गई मिसाल

‘संध्या’ की अद्भुत छटाः जल त्रासदी के बीच 11वीं की छात्रा अकेले नाव खेकर जाती है स्कूल, गांव सहित जिले में बन गई मिसाल

GORAKHPUR: गोरखपुर में बाढ़ के प्रकोप के बीच एक बेटी के शिक्षा के जुनून ने पूरे जिले को रौशन कर दिया है। यहां बहरामपुर गांव में 11वीं में पढ़ने वाली छात्रा रोजाना अकेले नाव से स्कूल आ-जा रही है। गोरखपुर की इस बिटिया के हौसले और जज्बे को देखकर हर कोई हैरान है। 

बहरामपुर इलाका इन दिनों बाढ़ की चपेट में आ गया है। हाल ये है कि कई परिवार यहां से सुरक्षित जगह पर पलायन भी कर चुके हैं। इसी बहरामपुर के रहने वाले दिलीप साहनी बढ़ई का काम करते हैं। इनके 4 बच्चे हैं, जिनमें संध्या साहनी सबसे बड़ी बेटी है। संध्या विज्ञान संकाय से गोरखपुर राजकीय एडी कन्या विद्यालय में 11वीं में पढ़ती हैं। संध्या का स्कूल पिछले एक साल से कोरोना की वजह से बंद था और पिछले महीने जब स्कूल कॉलेज खुले तो बाढ़ की विभीषिका ने इनके गांव को हर तरफ से घेर लिया।

गांव की दूसरे बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया लेकिन संध्या कि मन में पढ़ाई के प्रति जो जज्बा था, उसकी वजह से संध्या घर में बैठने के बजाय नाव से ही स्कूल आना जाना शुरू कर दिया। संध्या रेलवे में नौकरी करना चाहती हैं। संध्या ने बताया कि उसका घर 15 दिन से पानी में डूबा हुआ है। वह लोग छत पर जिदंगी गुजार रहे हैं। स्मार्टफोन नही होने की वजह से घर से पढ़ पाना उसके बस की बात नहीं थी। स्कूल की दूसरी सहेलियों से पढ़ाई के बारे में हर रोज सुनकर संध्या ने फैसला लिया कि वह स्कूल जाएगी। फिर उसने अकेले नाव से स्कूल आना-जाना शुरू कर दिया। संध्या का कहना है कि वह अपनी शिक्षा के जरिए अपने परिवार को मजबूत करना चाहती है। उसके समाज में लोग लड़कियों की शिक्षा को जरूरी नहीं मानते लेकिन तंगहाली में जीवन काटने के बावजूद उसके माता-पिता उसे आगे बढ़ाना चाहते हैं और उनके हौसले को देखकर ही उसने इस कठिन वक्त में भी अपनी पढ़ाई जारी रखी है।उसका सपना है कि अच्छी पढ़ाई कर वह रेलवे में नौकरी कर सके जिससे परिवार की आर्थिक मुश्किलें खत्म हो सके। इसके साथ ही संध्या हवाई जहाज में भी घूमना चाहती है। वहीं संध्या के पिता दिलीप का कहना है कि बेटी रेलवे में नौकरी करना चाहती है। वह दिन-रात पढ़ाई भी करती है। इधर बाढ़ की वजह से वह लोग बहुत परेशान हो गए हैं। घर का सारा सामान अस्त-व्यस्त पड़ा हुआ है दिन और रात वक्त गुजार रहे हैं लेकिन बेटी का जज्बा देखकर उनको अपना सारा कष्ट अब कम लगने लगा है और वह उसे आगे बढ़ाना चाहते हैं। 

गोरखपुर की इस बहादुर बेटी संध्या से मिलने आज निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद उसके घर पहुंचे। डॉक्टर संजय निषाद ने संध्या के हौसले की तारीफ की और उसके परिवार को हर तरह से मदद का भरोसा दिलाया। डॉक्टर संजय निषाद ने कहा कि संध्या सहानी एक रोल मॉडल बन चुकी है और संध्या जैसी दूसरी बेटियों के पढ़ाई के लिए वह जल्द ही हर जिले में एक स्कूल गोंद लेंगे जिससे की  निषादो समेत सभी शोसित व दलितों के बच्चे पढ़ | संध्या को हॉस्टल में भर्ती कराने और बाद में नौकरी दिलवाने के साथ-साथ उसके परिवार की हर जरूरत को पूरा कराएंगे। इसके साथ डाक्टर संजय निषाद ने कहा की बाढ़ रहने तक हमारी पार्टी के कार्यकर्ता गाव गाव जाकर बाढ़ में फंसें लोगों की मदद करते रहेंगे।

Suggested News