नहीं रहे जिला के प्रख्यात चिकित्सक, डॉक्टर विभीषण ठाकुर के निधन से चिकित्सा जगत में शोक की लहर...

एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा, आँख हैरान है क्या शख़्स ज़माने से उठा
दरभंगा जिला के ब्रह्मपुर गांव निवासी प्रख्यात चिकित्सक एवं सेवानिवृत्त सिविल सर्जन डॉ विभीषण ठाकुर के असामयिक निधन से चिकित्सक समाज मे शोक की लहर दौड़ गई है। डॉ विभीषण ठाकुर के असामयिक निधन से चिकित्सक समाज ही नही बल्कि पूरे जिलावासी शोकाकुल है । बेसा के पूर्व महासचिव एवं इण्डियन इन्जीनियर्स फेडरेशन (पूर्व) के उपाध्यक्ष डॉ सुनील कुमार चौधरी ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उनके निधन से अपूर्णिय क्षति हुई है। डॉ विभीषण ठाकुर 79 वर्ष की आयु मे हृदय गति रूकने के कारण असामयिक निधन हो गया.
डॉ सुनील कुमार चौधरी ने कहा कि डॉ ठाकुर के निधन से चिकित्सा समाज एवं राज्य को अपूरणीय क्षति हुई है जिसकी भरपाई असम्भव है।वे चिकित्सीय प्रतिभा के धनी, कुशल प्रशासक , कर्मठ,योग्य, ईमानदार, निर्भीक एवं चिकित्सा सेवा के साथ साथ गरीब,दलित एवं शोषित समाज के प्रति समर्पित चिकित्सक थे। वे बिहार के विभिन्न जिलो मे पदस्थापित रहते हुए,गरीब एवं बीमार लोगो की सेवा करते हुए सरकार की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मूर्त रूप देकर बिहार के चिकित्सीय विकास को रफ्तार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
विभिन्न गंभीर बिमारीयो के किफायती इलाज के अभिनव प्रयोग को समाज के अन्तिम पंक्ति के लोगो तक पहुंचाने मे एवं सरकार की चिकित्सक विरोधी नीति का विरोध करने की रणनीति तैयार करने मे उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा।डॉ चौधरी ने आगे कहा कि ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो इस दुनिया से रुख़्सत होने के बाद अपने पीछे अपना प्रभावी इतिहास छोड़ जाते हैं और उनकी यादें हमेशा दिलो-दिमाग में घर किए होती हैं। दिवंगत डॉ विभीषण ठाकुर ऐसे ही व्यक्ति थे। उन्होने चिकित्सीय सेवा एवं कुशल नेतृत्वकर्ता के रूप मे जो समाज सेवा की,उसे कालखंड हमेशा याद रखेगा।डा ठाकुर अपने पीछे दो पुत्र,एक पुत्री एवम पत्नी सहित भरा पूरा परिवार छोडकर असामयिक स्वर्गारोहित हो गये।