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सिर्फ नीतीशे कुमार हैं..! 'तेजस्वी' को रत्ती भर भी उपलब्धि नहीं लेने देना चाहते 'मुख्यमंत्री', दर्द को दबाए फिर रहे RJD कोटे के मंत्री

सिर्फ नीतीशे कुमार हैं..! 'तेजस्वी' को रत्ती भर भी उपलब्धि नहीं लेने देना चाहते 'मुख्यमंत्री', दर्द को दबाए फिर रहे RJD कोटे के मंत्री

PATNA: बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव लाख दावे कर लें, गांव-गांव तक चाहे जो भी कह लें, शिक्षकों की बहाली को लेकर अपनी पीठ खुद ही चाहे जितनी थपथपा लें. राजद कोटे के मंत्री-विधायक तेजस्वी यादव को नौकरी बांटने वाला नेता बताते फिरें, इससे फर्क पड़ते नहीं दिख रहा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने सहयोगी राजद को रत्ती भर पर भी उपलब्धि लेने देना नहीं चाहते हैं. कई ऐसे अवसर आए जब मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि शिक्षकों की नौकरी देने का काम राजद नहीं बल्कि राज्य सरकार कर रही है. सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री होते हैं. आज एक बार फिर से सीएम नीतीश ने यह बता दिया है कि शिक्षकों की बहाली का काम किसी दूसरे ने नहीं बल्कि हमने किया है. 

शिक्षक बहाली के नायक हैं नीतीश !

बिहार के अखबारों में आज फ्रंट पेज पर पूरे पन्ने का विज्ञापन है. विज्ञापन शिक्षा को लेकर है. विज्ञापन में  नीतीश  को शिक्षा सुधार का नायक करार दिया गया है. विज्ञापन के माध्यम से बताने की कोशिश की गई है कि शिक्षा के क्षेत्र में बिहार बढ़ रहा है. सरकार प्राथमिक से लेकर माध्यममिक और उच्च शिक्षा की बेहतरी को लेकर लगातार काम कर रही है. शिक्षकों की बहाली गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में प्रभावी कदम है. शिक्षा बजट में हर साल बढ़ोतरी की जा रही है. शैक्षणिक प्रोत्साहन को लेकर सरकार ने कई तरह की पहल शुरू की है. नए विद्यालय का निर्माण एवं विकास के काम किए जा रहे हैं. पूरे पन्ने के विज्ञापन में सिर्फ 'नीतीशे कुमार' ही दिख रहे हैं. 2005 से लेकर 2023 तक शिक्षा के क्षेत्र में किए कामों के बारे में बताने की कोशिश की गई है. यह विज्ञापन बताने के लिए काफी है कि शिक्षकों की बहाली किसी दूसरे नेता ने नहीं कराई, बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इच्छा शक्ति से ही संभव हो सका है. विज्ञापन में सहयोगी डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव या शिक्षा मंत्री चंद्रशेखऱ को रत्ती भर भी जगह नहीं दी गई है. जबकि विज्ञापन शिक्षा विभाग की तरफ से ही जारी की गई है. 

शिक्षा विभाग ने जनहित में जारी किया विज्ञापन...तेजस्वी-चंद्रशेखर को रत्ती भर भी जगह नहीं 

शिक्षा विभाग राजद कोटे में है. राजद कोटे के बड़बोले विधायक प्रो. चंद्रशेखऱ शिक्षा मंत्री हैं. शिक्षा मंत्री की हैसियत और विभाग में उनकी स्थिति के बारे में बताने की जरूरत नहीं. कई ऐसे मौके आए जब विभाग के अपर मुख्य सचिव ने प्रो. चंद्रशेखऱ की हैसियत बता दी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी शिक्षा मंत्री की कई दफे क्लास लगा दी थी. विधान परिषद में शिक्षा बजट पर बोलने के दौरान रामचरित मानस पर आपत्तिजनक बातें कहने पर सभापति ने बोलने से रोक दिया था. नीतीश सरकार ने शिक्षक बहाली का पूर्ण जिम्मा विभाग के अपर मुख्य सचिव को दे रखी है. केके पाठक इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं. इसके बाद भी राजद कोटे के मंत्री यह कहते नहीं थकते कि लाखों शिक्षकों की बहाली उनलोगों की वजह से संभव हो सका है. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव बार-बार कहते हैं कि महागठबंधन सरकार बेरोजगारों को नौकरी दे रही है.जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किसी कीमत यह उपलब्धि राजद को लेने देना नहीं चाहते. कई ऐसे मौके आए जब यह बता दिया गया कि शिक्षकों की बहाली हो या अन्य विभागों में हुई नियुक्ति, यह सब सरकार की वजह से ही संभव हो सका है. विज्ञापन में भी सिर्फ नीतीश कुमार ही दिखते हैं. राजद नेताओं को इसका दर्द है. राजद विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह ने तो इस दर्द को कई दफे साझा भी किया है. राजद कोटे के मंत्रियों के अंदर भी दर्द है, फिर भी इजहार नहीं कर रहे. मन में ही दर्द को दबाए फिर रहे. इधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नौकरी देने की उपलब्धि को अपने नाम कर ली है. 

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