PATNA- देश में एक बार फिर से कोरोना की दहशत शुरू हो चुकी है. कोरोना वायरस का नया वोरिएंट JN.1 दुनियाभर में फैल रहा है और तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. इस वायरस के फैलने की रफ्तार और इससे जुड़े खतरों को लेकर रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने चेतावनी जारी की है. अमेरिका स्थित इस संस्था ने कहा है कि ये कोरोनो वायरस का यह अत्यधिक संक्रामक वेरिएंट है. तीन राज्यों में कोरोना के नये वैरिएंट JN.1 ने अपनी दस्तक दे दी है. जिसमें गोवा, महाराष्ट्र और केरल शामिल हैं. इनमें गोवा सबसे ज्यादा प्रभावित है. गोवा में नये वैरिएंट के सबसे ज्यादा 19 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि महाराष्ट्र और केरल में एक-एक मामले आये हैं.
बता दें कि कोरोना का नया वेरिएंट जेएन.1 वैरिएंट कोविड-19 की नई लहर की वजह बनता दिख रहा है. इसे BA.2.86 वैरिएंट के समान माना जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों के एक समूह ने इस महीने निष्कर्ष निकाला कि JN.1 में परिवर्तन इतने महत्वपूर्ण नहीं हैं कि मौजूदा टीकों के नए संशोधन की आवश्यकता हो. हालांकि शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि ये टीके कम प्रभावी थे। अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह भी कहा कि उन्होंने हाल ही में टीकाकरण में गिरावट दिखी है, पिछले साल की तुलना में कम वयस्कों को फ्लू का टीका लगाया गया है.
केरल में कोरोना वायरस का नया सब-वेरिएंट JN.1 का पहला मामला आने और कोरोना केस में बढ़ोतरी के बाद यह सवाल लोगों के मन में आ रहा है. इस स्थिति को देखते हुए केंद्र ने एडवाइजरी जारी कर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से निरंतर निगरानी बनाए रखने को कहा है. इसके बाद केंद्र सरकार ने आज (20 दिसंबर) राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक भी करने वाली है. इससे पहले सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र लिखा था. पत्र में कहा गया था कि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच लगातार और सहयोगात्मक कार्यों के कारण हम (कोविड-19 के) मामलों की संख्या कम करने में सक्षम हुए. वहीं, पिछले तीन दिन के भीतर 15 और 17 दिसंबर को कोविड-19 के 300-300 से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं.