PATNA : क्या बिहार की बात करने से कोई भाजपाई हो जाता है..? किसी भी सेवा का ट्रांसफर व पोस्टिंग एक अनिवार्य हिस्सा होता है लेकिन जब सत्ताधीशों को अपने हीं कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी से असहजता महसूस होने लगती है स्वाभाविक है कि उनके साथ दुर्व्यवहार होगा और पिछले करीब छः महीनों से चल रहे इस प्रकरण के पीछे भी यही संकुचित मानसिकता है जो एक पुलिस पदाधिकारी के बढ़ते लोकप्रियता से घबरा कर स्वयं को असुरक्षित महसूस करने लगी।
दरअसल, एक वीडियो सामने आया है, जिसमें आईजी विकास वैभव को एक कार्यक्रम में सम्मानित किया जा रहा है। वहीं कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद बिहार के मंत्री अशोक चौधरी उन्हें सम्मानित कर रहे हैं। इस दौरान अशोक चौधरी यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि उन्हें भाजपा में जाने से रोकना है। वहीं दूसरी तरफ से एक आवाज आती है कि आई विकास वैभव भाजपा में नहीं जाएंगे।
इस दौरान मंत्री जी की एक लाइन में कही गई बात बताती है कि कहीं न कहीं भाजपा के प्रति अधिकारियों का जो प्रेम है, उससे सरकार से थोड़ी असहज है। खास तौर पर कुछ महीने पहले जिस प्रकार का प्रकरण विकास वैभव के साथ हुआ था। उसके बाद इस बाद इसकी संभावना बढ़ गई थी कि विकास वैभव नौकरी छोड़कर अपनी राजनीतिक पारी शुरू कर सकते हैं। विशेषकर गृह विभाग ने जिस तरह की नोटिस विकास वैभव को दिया था और उनके खिलाफ जांच बैठी थी, उसके बाद विकास वैभव और सरकार के प्रति दूरियां बढ़ गई थी।
विकास वैभव को मिला था समर्थन
उस पूरे प्रकरण में जहां सरकार की आलोचना हुई थी। वहीं विकास वैभव को पूरे प्रदेश से समर्थन मिल रहा था। कार्यक्रम में जिस तरह अशोक चौधरी यह बात कह रहे हैं कि उन्हें भाजपा में जाने से रोकना है, वह बता रहा है कि छह माह पहले जो चूक हुई है, वह उसे दूर करने की कोशिश में है। विकास वैभव की युवाओं में कैसी लोकप्रियता है, यह सरकार से छिपी नहीं है। ऐसे में विकास वैभव का साथ खड़े होना सरकार के लिए फायदे का सौदा साबित होगा।