NEW DELHI : लोकसभा चुनाव में नामांकन रद्द होने के बाद बिहार के बांका लोकसभा से निर्दलीय प्रत्याशी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जहां सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने उनकी याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान सीजेआई ने निर्दलीय प्रत्याशी को दो टूक सुनाते हुए कहा कि कहा कि यदि पर्चा रद्द होने के मामलों को एंटरटेन किया जाएगा तो फिर तो अराजकता आ जाएगी।
दरअसल, लोकसभा चुनाव में कई ऐसे उम्मीदवार हैं, जिनके नामांकन रद्द कर दिए गए हैं। ऐसे ही एक प्रत्याशी हैं जवाहर कुमार झा, जिन्होंने बांका लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया था। लेकिन दस्तावेज में कमी के कारण उसका नामांकन रद्द कर दिया गया। ऐसे में दंडाधिकारी के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी।
जवाहर कुमार झा ने अपनी याचिका में दावा किया कि लोकसभा चुनाव 2024 में रिटर्निंग ऑफिसर ने मनमाने और अवैध तरीके से उनके नामांकन को रद्द कर दिया। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि आपको चुनावी याचिका दायर करनी होगी। आप आर्टिकल 32 के तहत याचिका दायर नहीं कर सकते।
नोटिस जारी किया तो चुनाव की तारीखों पर पड़ेगा प्रभाव
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, ''अगर नामांकन पत्र खारिज होने को एंटरटेन करना शुरू कर दिया जाएगा तो चुनाव में अराजकता हो जाएगी। अगर हम नोटिस जारी करेंगे और मामले की सुनवाई करेंगे तो यह चुनाव से आगे बढ़ जाएगा। आपको चुनावी कानून के अनुशासन का पालन करना होगा। हम नामांकन पत्र की अस्वीकृति के खिलाफ याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं। याचिकाकर्ता कानून के तहत उपलब्ध ऐसे उपाय अपना सकता है।''
वकील अलख आलोक श्रीवास्तव के जरिए से दायर याचिका में आग्रह किया गया कि पूरे भारत में चुनाव रिटर्निंग अधिकारियों को चुनाव नामांकन पत्रों में चिह्नित प्रत्येक गलतियों को ठीक करने के लिए उम्मीदवार को कम से कम एक दिन का अनिवार्य रूप से उचित अवसर प्रदान करने का निर्देश दिया जाना चाहिए।
याचिकाकर्ता ने कहा था कि 26 अप्रैल, 2024 को बांका 27 संसदीय क्षेत्र में होने वाले आम चुनाव 2024 में लड़ने के लिए जवाहर झा को वैध उम्मीदवार घोषित किया जाए।