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यह पिता नहीं हो सकता है : दूसरी लड़की के लिए अपने ही चार बच्चों को जहर देकर मार डाला, पहले करंट से मौत की थी चर्चा

यह पिता नहीं हो सकता है : दूसरी लड़की के लिए अपने ही चार बच्चों को जहर देकर मार डाला, पहले करंट से मौत की थी चर्चा

UNNAV : लगभग एक सप्ताह पहले यूपी के उन्नाव में एक ही परिवार के चार बच्चों की करंट लगने से मौत की खबर सामने आई थी। अब इस चारों बच्चों की मौत को लेकर बड़ी असलीयत सामने आई  है। जिन बच्चों की मौत का हादसा बताया गया था, वह हत्या थी। यह हत्या करनेवाला भी कोई और नहीं, बल्कि उनका पिता था, जिसने गेंहूं में डाली जानेवाली दवा देकर अपने बच्चों को मौत की नींद सुला दिया। पुलिस की हिरासत में लिए गए पिता का कहना है कि उसने ही चारों बच्चों की हत्या की है. उसने बताया कि चार मासूमों की मौत करंट लगने से नहीं, बल्कि गेहूं में डालने वाली कीटनाशक दवा खिलाने के बाद मुंह दबाने से हुई थी।

अवैध संबंधों के कारण घर में होता था झगड़ा

आरोपी ने बताया कि गांव की एक महिला से संबंध को लेकर पत्नी से रोज-रोज के झगड़े से ऊबकर उसने यह हैवानियत भरा कदम उठाया है. पत्नी ने थाने में अवैध संबंधों में बच्चों की हत्या करने की तहरीर दी है

पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट दबाया

दरअसल, बारासगवर थाना क्षेत्र के लालमनखेड़ा गांव में 19 नवंबर को वीरेंद्र कुमार पासवान के बेटे मयंक (9), बेटी हिमांशी (8), हिमांक (6) और मांशी (4) के शव घर के अंदर कमरे में पड़े मिले थे. शवों के ऊपर बिजली का पंखा (फर्राटा) पड़ा हुआ था

 पंखा देख सभी ने करंट से मौत होने की आशंका जताई थी. पुलिस ने शवों का कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर देने के साथ गला दबाने से मौत की पुष्टि हुई थी. लेकिन, पुलिस ने पूरे घटनाक्रम की कहानी ही बदल दी थी। यहां तक कि जिले के एसपी ने भी पोस्ट मार्टम रिपोर्ट को दबाने की कोशिश की और बच्चों की मौत करंट से होने की बात कहते रहे।

यहां मृत बच्चों के परिजन और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य श्याम त्रिपाठी के कहने के बाद भी पुलिस ने उन्हें रिपोर्ट नहीं दिखाई. घटना के बाद से बच्चों के ननिहाल पक्ष से नानी, मामा और चचेरे मामा ने भी हत्या की बच्चों के पिता वीरेंद्र पर ही आशनाई के चक्कर में हत्या का आरोप लगाया.

बच्चों की हत्या के बाद खुद जान देने की कोशिश

इस बीच वीरेंद्र पासवान ने 20 नवंबर को जहर खा लिया. हालत में सुधार होने के बाद भी पुलिस ने उसे आनन-फानन कानपुर हैलट रेफर करा दिया था. 23 नवंबर को हैलट में भर्ती पिता की हालत में सुधार होने पर वह घर लौटा और बच्चों को जहर देने के साथ गला दबाकर हत्या करने का जुर्म कबूल कर लिया. उसके मुताबिक बच्चों को करंट दिया ही नहीं गया था. पति के जुर्म कबूल करते पत्नी शिवदेवी ने पति के खिलाफ थाने में तहरीर दी है. 

पुलिस ने आरोपी पति को हिरासत में लिया है. पिता के कबूलनामे ने पुलिस की लीपापोती से पर्दा उठा दिया है. रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना में हैरतअंगेज पहलू यह है कि अभी जिले की पुलिस बयां की गई हकीकत से कदम पीछे कर करंट से मौत की बात ही कह रही है


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