DESK : राजनीति में कई आईएएस और आईपीएस अपनी किस्मत आजमाते रहे हैं। हाल में ही छत्तीसगढ़ के पूर्व आईएएस ओपी चौधरी ने अपनी नौकरी नौकरी छोड़ने के बाद राजनीति में अपनी सफल पारी शुरू की और प्रदेश के मंत्री बने हैं। अब बिहार से जुड़े एक आईपीएस आनंद मिश्रा की चर्चा हो रही है कि वह राजनीति में अपनी किस्मत आजमाने की तैयारी कर रहे हैं। जिसके लिए उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ने का आवेदन भी राज्य सरकार को दिया है।
आनंद मिश्रा का नाम तब चर्चा में आया था,जब इसी महीने न्यायालय के निर्देश पर सरकार ने उन्हें मणिपुर हिंसा मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल का प्रमुख बनाया गया था, लेकिन उन्होंने यह जिम्मेदारी संभालने से इनकार कर दिया और अब इस्तीफा देने का फैसला कर लिया है।
मूल रूप से बिहार के भोजपुर जिले के शाहपुर प्रखंड अंतर्गत पड़सौरा गांव के रहने वाले आनंद मिश्रा 2011 बैच के आईपीएस हैं और फिलहाल उनकी पोस्टिंग असम में हैं। यहां वह लखीमपुर जिले में एसपी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
आनंद मिश्रा की परवरिश और शिक्षा कोलकाता में हुई है। उनकी गिनती असम के बेहद तेज तर्रार पुलिस अफसर में होती है। नगांव जिले में तैनाती के दौरान ड्रग माफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए उनकी खूब चर्चा होती है। साथ ही भाजपा नेताओं से उनके बेहतर संबंध रहे हैं।
बीते कुछ महीने से इस आइपीएस अधिकारी ने बक्सर में अपनी सक्रियता काफी बढ़ा दी है। बक्सर में होने वाले तमाम आयोजनों में भागीदारी बढ़ाने के साथ ही स्थानीय स्तर पर प्रभावशाली तमाम तबकों के लोगों से मुलाकात करनी शुरू की थी। चर्चा है कि वह अपने पैतृक जिले से चुनावी पारी शुरू करना चाहते हैं।
16 जनवरी को पदमुक्त करने की मांग
बक्सर संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा के बीच असम-मेघालय कैडर में 2011 आरआर बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी आनंद मिश्रा ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन दिया है। उन्होंने अपना त्यागपत्र असम सरकार के मुख्य सचिव को दिया है। उन्होंने खरमास खत्म होते ही 16 जनवरी 2024 के प्रभाव से अपना त्यागपत्र मंजूर करने के लिए असम सरकार से अनुरोध किया है। उन्होंने अपने आवेदन में निजी जीवन में स्वतंत्रता और सामाजिक सरोकार पर अपना ध्यान केंद्रित करने की बात कही है।
अश्विनी चौबे हैं बक्सर के सांसद
बता दें कि बक्सर लोकसभा सीट को ब्राह्मण बहुल माना जाता है। इस सीट से बीते साथ में से 6 चुनाव भारतीय जनता पार्टी के ब्राह्मण प्रत्याशियों ने जीते हैं। फिलहाल यहां से भाजपा के अश्विनी चौबे सांसद हैं। इससे पहले इसी पार्टी के लाल मुनी चौबे बक्सर से लगातार चार बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उनके बाद एक कार्यकाल के लिए राष्ट्रीय जनता दल के जगदानंद सिंह इस सीट से प्रतिनिधित्व किया था।
हाईकोर्ट के जज और डीजीपी की भी पसंद थी बक्सर
बक्सर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए इससे पहले भी कई अधिकारी सुरक्षित सेवानिवृत्ति ले चुके हैं। इनमें केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे यूपी सिंह और बिहार के डीजीपी रहे गुप्तेश्वर पांडे का नाम शामिल है।
इनमें यूपी सिंह को राजद के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए भाजपा के लाल मुनी चौबे से हार का सामना करना पड़ा था। गुप्तेश्वर पांडे को पार्टी का टिकट ही नहीं मिल सका।