SUPOUL : बिहार के सीएम ने बिहार में शराबबंदी को लेकर पुलिस महकमे को पूरी छूट दे दी है कि उन्हें जहां भी शक हो या जानकारी मिले कि शराब की बिक्री या सेवन की जा रही है, वहां छापेमारी करे। फिर चाहे वह किसी दुल्हन का कमरा ही क्यों न हो। लेकिन, बिहार की पुलिस शराब पकड़ने को लेकर किस तरह गंभीर है, यह सुपौल जिले से आए एक वायरल वीडियो को देखकर समझा जा सकता है। जहां पुलिस का एक चौकीदार घर के बाहर बने चबूतरे पर कुछ लोगों के साथ हड्डियां तोड़ने में व्यस्त है, वहीं इसी घर के पीछे जाने पर नजारा कुछ और हो जाता है। चौकीदार के संरक्षण में देशी दारू बनाने का धंधा चल रहा है। जिस शराब को पकड़ने के लिए पुलिस दिन भर खाक छान रही है. वहीं उनके नाक के नीचे उनका ही चौकीदार शराब का धंधा खुलेआम चला रहा है।
अब बता दें कि यह चौकीदार किस थाने में पोस्टेड है। बताया गया वीडियो जिले के पिपरा थाना क्षेत्र का है। जहां दुबियाही पंचायत के वार्ड नं. 14 एवं 17 में बड़े पैमाने पर देशी दारू बनवाई जाती है, वह भी पुलिस के संरक्षण में। बताया गया कि इस पंचायत के जो चौकीदार हैं, उनकी पत्नी हाल में ही पंचायत चुनाव में मुखिया निर्वाचित हुई हैं। ऐसे में अब इनकी हैसियत मुखिया पति कहलाने की हो गई है। अब जब चौकीदार मुखिया पति बन जाए तो इलाके में दारू के धंधे को रोकनेवाला कौन है। अब साहब खुलकर अपना धंधा चला रहे हैं। कल तक जो चौकीदार पुलिस अधिकारियों को देखकर कांपते थे, अब पुलिसवाले उनसे कांपने लगे है। कार्रवाई की बात ही छोड़ दीजिए।
अब आलम यह है कि पिपरा थाना क्षेत्र बड़े- बड़े शराब तस्कर के लिये सेफ जोन बना हुआ है । यहाँ बड़े पैमाने पर शराब बेची जाती है। नीचे से ऊपर तक सभी पदाधिकारी को इनकी जानकारी रहती है लेकिन कभी कभार शराब पकड़कर इनकी खानापूर्ति की जाती है। हद तो इस बात की है थानाध्यक्ष से लेकर वरीय पदाधिकारी तक अपनी छवि बचाने के लिये मीडिया के सामने सही जानकारी या बयान देना मुनासिब नहीं समझते हैं। हाल ही में एक कंटेनर में महेशपुर कदम चौक पर अंग्रेजी शराब पकड़ाया लेकिन पुलिस बताने से परहेज कर रही है ।
वहीं आज एक पिकअप भान में बताया जाता है कि 50 से अधिक कार्टन में अंग्रेजी शराब ठाढ़ी पंचायत के बच्चा देवी के यहाँ से मिली। जिसमें ड्राइवर सहित एक अन्य को हिरासत में लिया गया है ।बताया जाता है पकड़े गये अन्य लोगों को छोड़ने की कवायद चल रही है । हालांकि थानाध्यक्ष पिपरा नागेंद्र कुमार इस सम्बंध में कुछ भी बताने से परहेज कर रहा है
हाल के दिनों में जो भी घटनाएं हुई, उनमें चौकीदार की लापरवाही
देखा जाए तो ग्रामीण इलाकों में शराब सेवन या बिक्री पर नजर रखने का काम वहां के चौकीदार को दिया गया है। लेकिन चौकीदारों द्वारा इस बात की सूचना थानों को नहीं दी जा रही है। जाहिर है कि चौकीदार खुद ऐसे धंधे में लिप्त रहे हैं। हाल के महीनों में शराब सेवन से होनेवाली मौतों में यह बात स्पष्ट रूप से सामने आई है। अब जिन्हे शराबबंदी को कामयाब बनाने का काम सौंपा गया है तो इस कानून की कामयाबी कैसे सुनिश्चित होगी, यह समझा जा सकता है।