PATNA: टी.पी.एस. कॉलेज के वनस्पति विज्ञान विभाग एवं हाइमीडिया लेबोरेटरीज के द्वारा तीन दिवसीय कार्यशाला का आज शुभारंभ हुआ । उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य प्रो. उपेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा की विज्ञान की नई तकनिक के जरीय मानव जीवन की ओर अधिक सुविधाजनक बनाया जा सकता है, इसलिए नई तकनिक की खोज बहुत जरूरी है. मुझे उमीद है इस कार्यशाला में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ उभर कर आयेगीं, जिससे समाज को फायदा होगा ।
कार्यशाला के आयोजक वनस्पति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष ने बताया कि इस कार्यशाला में डी.एन.ए. निष्कर्षण, जेल इलेक्ट्रोफोरोसिस, पी.सी.आर., एस.डी.एस-पेस, वेस्टर्न ब्लाँटिंग एवं बायोइनकार मेटिंकस विषय वस्तु पर आयोजित हुआ । जिसका उद्धेश्य विभिन्न कॉलेज के विद्यार्थीयों को मॉलीकुलर बायोलॉजी के आत्याधिुनिक तकनीकों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराना है । डी.एन.ए. निष्कर्षण का उपयोग डी.एन.ए. से सम्बंधित सभी कार्य एवं डी.एन.ए. फिगंर प्रिटिंग में होता है । पी.सी.आर. के द्वारा डी.एन.ए. का बहुत सारे कॉपीज बनाने में और विभिन्न अणुवांशिक एवं अन्य रोगों को पता करने में होता है । एस.डी.एस-पेस द्वारा प्रोटीन के गुणवत्ता का पता लगाया जाता है ।
बायोइनफॉरमेटिक्स का उपयोग जैविक डेटा का विश्लेषण और व्याख्या करने जैविक जानकारी तक कुशलतापूर्वक पहुँचने, प्रबंधन और उपयोग करने के लिए कम्प्यूटर प्रोग्राम विकसित करने हेतु डेटासेट में संबंधों का मूल्यांकन के लिए गणितीय सूत्र और सांख्यिकीय के लिये उपयुक्त है ।इस कार्यशाला में प्रो. अबु बकर रिज़वी, डॉ. धर्मराज राम, डॉ. प्रशांत एवं डॉ. सनंदा भी उपस्थित रहे । इस कार्यशाला में कई कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों के 30 छात्रों ने भाग लिया ।