DESK: टोक्यो ओलंपिक में शुक्रवार को सेमीफाइनल का मुकाबला गंवाने के बाद शनिवार को बजरंग पूनिया ब्रॉन्ज पर कब्जा जमाने की आखिरी उम्मीद से उतरे। देश की उम्मीदों पर खरे उतरते हुए बजरंग ने कांस्य पदक अपने नाम कर लिया है। शनिवार को कुश्ती के 65 किग्रा भार वर्ग के ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में उन्होंने कजाकिस्तान के पहलवान दौलत नियाजबेकोव को 8-0 से पछाड़ा। नियाजबेकोव रेपचेज मुकाबला जीतकर इस मैच में उतरे थे। इस जीत से बजरंग ने नियाजबेकोव से विश्व चैम्पियनशिप 2019 के सेमीफाइनल में मिली हार का बदला भी चुकता कर लिया।
बजरंग शुरू से ही दृढ़ इरादों के साथ मैट पर उतरे। उन्होंने पहले पीरियड दो अंक बनाए और इस बीच अपने रक्षण का अच्छा नमूना पेश किया। वह दूसरे पीरियड में अधिक आक्रामक नजर आए, जिसमें उन्होंने छह अंक हासिल किए। बजरंग पूनिया ने शानदार शुरुआत की और 1-0 की बढ़त बनाई। इसके बाद वे 2-0 से आगे हो गए। पहले हाफ के तीन मिनट में बजरंग नेदौलत नियाजबेकोव पर 2-0 की बढ़त बनाए रखी। दूसरे तीन मिनट के हाफ में बजरंग ने फिर अच्छी शुरुआत की और 4-0 की बड़ी बढ़त बना ली। इसके बाद उन्होंने स्कोर 6-0 और फिर 8-0 कर दिया।
टोक्यो में कुश्ती में बजरंग पूनिया और रवि दहिया ने मेडल जीते। रवि दहिया को सिल्वर मिला। इससे पहले 2012 में भी कुश्ती में दो मेडल मिले थे। तब सुशील कुमार ने सिल्वर जबकि योगेश्वर दत्त ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इसके अलावा शूटर विजय कुमार ने सिल्वर, बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने ब्रॉन्ज, शूटर गगन नारंग ने ब्रॉन्ज और महिला बॉक्सर एमसी मैरीकॉम ने भी ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इस जीत के साथ ही उन्हें भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित देश के हर कोने से बधाई मिल रही है।