BETIA/HALDWANI : बिहार में छठ पर्व सबसे महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। दूसरे राज्यों में रहनेवाले लोग किसी और त्योहार में अपने घर आएं या नहीं, लेकिन छठ में जरुर घर आते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें अपने घर आने का मौका नहीं मिलता है। बेतिया के मोलतोला में रहनेवाले बिट्टू कुमार (25) व भरत चौधरी ऐसे ही लोगों में से एक हैं। जिन्हें त्योहार में अपने घर जाने का मौका नहीं मिला। परिवार के साथ छठ नहीं मनाने का दुख उन्हें ऐसा हुआ कि दोनों ने फांसी के फंदे पर झूलकर अपनी जान दे दी।
बताया गया कि बिहार के मोलतोला बेतिया निवासी बिट्टू कुमार (25) पुत्र लल्लन अपने परिवार व अन्य रिश्तेदारों के साथ उत्तराखंड के पदमपुर देवलिया में किराए में रहता था. कुछ दिन पहले उसकी पत्नी अपने दो बच्चों के साथ बिहार गई थी. बीते दिन उसने अपनी पत्नी से फोन पर भी बात की। जहां उसने छठ पर्व पर घर नहीं आने की अपनी मजबूरी बताई। पत्नी द्वारा उसे छठ पूजा पर गांव नहीं आने को लेकर नाराजगी जताई.जिसके बाद गुरुवार को उसने जयपुर बीसा से सटे जंगल में एक पेड़ से लटक कर आत्महत्या कर ली. सूचना पाकर मौके पर पहुंचे हल्दूचौड़ प्रभारी तारा सिंह राणा ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
दूसरा मामला बेरीपड़ाव गौला गेट का है. जहां खनन मजदूर भरत चौधरी पुत्र बन्नू चौधरी निवासी बेतिया बिहार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि छठ पूजा को लेकर उसका पत्नी से फोन पर विवाद हो गया था. जिसके बाद भरत ने ये खौफनाक कदम उठाया.
दोनों की मौत की खबर के बाद बेतिया में उनके परिवार में मातम पसर गया है। वहीं उत्तराखंड में फिलहाल पुलिस आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे हल्दूचौड़ प्रभारी तारा सिंह राणा ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।