BANKA : स्वास्थ्य विभाग की लाख कोशिश के बावजूद बांका में खुलेआम अल्ट्रासाउंड सेंटर पर लिंग जांच का गोरखधंधा धड़ल्ले से चल रहा है। बांका में स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी के चलते जिले भर में अल्ट्रासाउंड केन्द्रों की गतिविधियों पर शिकंजा कसना अब भी स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है। बांका जिले के सभी प्रखंडों में इन दिनों प्रशासनिक लापरवाही का लाभ चिकित्सा माफिया धड़ल्ले से ले रहे हैं। जिले में हजारों की संख्या में अवैध क्लिनिक एक्सरे सेंटर, अवैद्य जांच घर खोल कर गरीबी से मोटी रकम ऐंठी जाती है। जबकि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सरकारी अस्पतालों में भी सारी सुविधाएं उपलब्ध है फिर भी अस्पताल के कुछ कर्मी की मिली भगत से ऐसे गोरखधंधों को अंजाम दिया जाता है। बताया जाता है कि अमरपुर रेफरल अस्पताल के कुछ कर्मी इस अल्ट्रासाउंड सेंटर पर घूमते नजर आते है। जिस पर अस्पताल प्रशासन ने नजर बंद कर रखी है। बांका के आसपास के कई प्रखंडों में अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटर पर अल्ट्रासाउंड मशीन के माध्यम से भ्रूण जांच व लिंग निर्धारण आदि का कार्य धड़ल्ले से चल रहा है। संचालक भोली भाली गर्भवती महिलाओं को अपने जाल में फंसा कर अपना जेब भरते हैं। जबकि भ्रूण जांच करना कानूनन अपराध है।
ताजा मामला बांका जिला अंतर्गत अमरपुर शहर के पुस्तकालय पानी टंकी के समीप मानसी अल्ट्रासाउंड सेंटर का है। जहां पर अमरपुर प्रखंड के लौशा गांव के सूरज कुमार की पत्नी फूलो कुमारी भ्रूण जांच के नाम पर दस हजार रूपए की अवैद्य वसूली किया गया है। बता दे की पिछले मार्च में फूलो कुमारी को अल्ट्रासाउंड सेंटर की स्टाफ रंजना कुमारी के द्वारा उसके गांव से जांच हेतु लाया गया था। रंजना कुमारी उसी अल्ट्रासाउंड सेंटर में कार्यरत है। भ्रूण जांच के दौरान फूलो कुमारी की सास सुनीता देवी को बताया गया की बधाई हो। आपको लड़का होगा। जांच कर लिए सबकुछ अच्छा है। कह कर उससे दस हजार रुपया ले लिया गया।
वही बुधवार ग्यारह सितंबर के दिन पीड़ित फूलो देवी को अमरपुर रेफरल अस्पताल में लड़की पैदा हुई। फूलो देवी के परिजन सास और देवर भौचक रह गए। परिजनों के द्वारा मानसी अल्ट्रासाउंड में जाकर कहा गया कि आपने जांच कर कहा था कि लड़का है और आज लड़की हुई है। कह कर दोनो में काफी नोकझोंक हुआ और अल्ट्रा साउंड के स्टाफ के द्वारा उनके साथ बदतमीजी किया गया। लोगो ने बताया कि इस अल्ट्रा साउंड सेंटर में ऐसा मामला पहला नहीं है। ऐसा कई बार हो चुका है। अल्ट्रासाउंड के संचालक के द्वारा दबा दिया जाता है। बता दे की अल्ट्रा साउंड सेंटर में गर्भस्थ स्त्रियों की भ्रूण जांच का खेल काफी दिनो से की जाती है। इसके एवज में काफी मोटी रकम की वसूली की जाती है। इसके लिए अमरपुर व आसपास के गांवों में दर्जनों एजेंट भी तैनात हैं जो मोटे कमीशन के चक्कर में ऐसे महिलाओं को चिन्हित करते हैं जिन्हें लिग जांच व भ्रूण जांच करवाना होता है। इस कार्य में आसपास के इलाकों में संचालित कई नर्सिंग होम में काम करनेवाली महिलाकर्मी भी शामिल हैं।
बता दे की लिंग जांच के नाम पर अल्ट्रा साउंड के संचालक द्वारा प्रति मरीज दस हजार से लेकर बीस हजार रुपए तक लिया जाता है। संचालक से लेकर एजेंट तक का कमीशन इसमें जुड़ा रहता है। वहीं अल्ट्रा साउंड के संचालक नीरज कुमार के द्वारा बताया गया की मुझे इस मामला की जानकारी नहीं है मेरे यहां भ्रूण जांच नही होता है। जबकि पीड़ित महिला के देवर सुरेंद्र कुमार ने बताया की भ्रूण जाँच के नाम पर मेरी मां और मेरी भाभी से तीन अलग-अलग किस्त में कुल दस हजार रु लिया गया है। जब मुझे भतीजी हुई तो मैं मानसी अल्ट्रासाउंड सेंटर पहुंचा और संचालक नीरज कुमार वहां मौजूद थे। मैं उनसे अपनी सारी बात बताई तो उन्होंने मेरे साथ अभद्र व्यवहार किया और मुझे गाली देने लगा। कहा की यहां से भागो। जब मैं वहां हंगामा करने लगा तो कुछ देर बाद अल्ट्रासाउंड सेंटर से हटकर बाहर आकर रंजीता कुमारी ने मेरी माँ को 10 हाजर रु वापस कर दिया।और कहा ज्यादा हल्ला नही करना।
इस मामले को लेकर प्रभारी सिविल सर्जन डॉक्टर लक्ष्मण पंडित ने बताया की मैडम अभी छुट्टी में है। मैं इस बारे में कुछ बता नही सकता। ये जांच का विषय है मैडम आएंगी तो पूछ लीजिएगा।
बांका से चंद्रशेखर कुमार भगत की रिपोर्ट