DESK: पंचायत चुनाव में जीत का हश्र इस तरह से होगा कि जान देकर कीमत चुकानी होगी। यूपी के बरेली में कुछ ऐसा ही हुआ। खबर के अनुसार चुनाव में हारे एक प्रत्याशी ने जीते हुए प्रत्याशी को फिल्मी अंदाज में दो सौ मीटर तक दौड़ाकर गोली मार दी। मामले में एक और आरोपी गांव का पूर्व प्रधान फरार है।
पत्नी को भी लगी गोली
मिली खबर के अनुसार जिले के कैंट स्थित परगवां के ग्राम प्रधान चुने गये इशहाक की सरेशाम हत्या कर दी गयी। चुनावी रंजिश में इशहाक की पत्नी को भी गोली लगी है। खबर के अनुसार इशहाक बाइक से कहीं जा रहे थे, इसी दौरान आरोपियों ने इशहाक को गोली मार दी। गोली लगने से घायल इशहाक ने जान बचाने के लिए करीब दो सौ मीटर तक दौड़ लगाई लेकिन हमलावर तब तक गोलियां चलाते रहे तब तक इशहाक की मौत न हो जाये। गोलियों की आवाज सुनकर ग्रामीण भी मौके की तरफ दौड़ तब तक हमलावर वहां से निकल भागे। हत्या का पूरा वाक्या प्रधान की पत्नी की आंखों के सामने घटा। शकीना के अनुसार हमलावरों ने शकीना के मुताबिक हमलावरों ने इशहाक पर पहली गोली चलाई तो वे लोग बाइक समेत सड़क पर ही गिर पड़े। इशहाक जान बचाने के लिए भागे तो हमलावर उन्हें करीब दो सौ मीटर तक दौड़ाते रहे और एक के बाद एक उन पर तब तक गोलियां चलाते रहे जब तक वह लहूलुहान होकर गिर नहीं गए।
गांव में फोर्स तैनात
घटना के बाद इशहाक के घर वाले व समर्थक एकत्र हो गये। मौके पर पीआरवी भी पहुंची। पुलिसकर्मियों ने इशहाक को जीवित बताया और शव को हटाने की कोशिश भी की लेकिन गुस्साए समर्थकों ने शव नहीं उठाने दिया। समर्थकों की मांग पर एसएसपी, एसपी सिटी व एसडीएम ने मौके पर जाकर प्रधान के समर्थकों को समझाया, एक आरोपी के गिरफ्तार होने की सूचना दी। तब करीब डेढ़ घंटे बाद प्रधान का शव उठाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
तनाव का माहौल
घटना के बाद गांव में तनाव का माहौल है। जानकारी के अनुसार इस बार संपन्न हुए ग्राम प्रधान चुनाव में इशहाक अकेले मुस्लिम प्रत्याशी थे। उन्होंने तीन प्रत्याशियों के खिलाफ पहली बार में ही चुनाव लड़कर प्रधानी जीती थी। उनकी हत्या से मिश्रित आबादी के गांव परगवां में तनाव पैदा हो गया। इस पर घटनास्थल के साथ परगवां में भी कई थानों की पुलिस और पीएसी पहुंच गई। घटना के कुछ देर बाद ही गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया। हालांकि इशहाक के परिवार वालों का कहना था कि उन्हें हिंदू और मुस्लिम दोनों ने वोट देकर जिताया है। आरोपी उनकी जीत को हजम नहीं कर पा रहे थे और लगातार धमकियां दे रहे थे।