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उत्तराखंड में लागू होगा समान नागरिक संहिता, भाजपा सरकार आज पेश करेगी विधेयक, किस धर्म के लोग होंगे प्रभावित समझिये

उत्तराखंड में लागू होगा समान नागरिक संहिता, भाजपा सरकार आज पेश करेगी विधेयक, किस धर्म के लोग होंगे प्रभावित समझिये

DESK. उत्तराखंड में Uniform Civil Code लागू होने को लेकर राज्य की भाजपा सरकार ने एक बड़ी पहल की है. सीएम पुष्कर सिंह धामी मंगलवार को विधानसभा के विशेष सत्र में विधेयक पेश करेंगे. वे मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस दौरान भारतीय संविधान की एक प्रति लेकर देहरादूह स्थित अपने आवास से निकले है। समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक को विधानसभा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पेश करेंगे।

उत्तराखंड में UCC लागू होने पर आम लोगों पर क्या असर होगा, उसे ऐसे समझिये. सभी धर्मों में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल होगी, पुरुष-महिला को तलाक देने के समान अधिकार, लिव इन रिलेशनशिप डिक्लेयर करना जरूरी, लिव इन रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर 6 माह की सजा, लिव-इन में पैदा बच्चों को संपत्ति में समान अधिकार, महिला के दोबारा विवाह में कोई शर्त नहीं, अनुसूचित जनजाति दायरे से बाहर, बहु विवाह पर रोक, पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी नहीं, शादी का रजिस्ट्रेशन जरूरी बिना रजिस्ट्रेशन सुविधा नहीं, उत्तराधिकार में लड़कियों को बराबर का हक जैसे अहम फैसले शामिल होंगे. 

उत्तराखंड कैबिनेट ने रविवार को यूसीसी के अंतिम मसौदे को मंजूरी दे दी, जो राज्य में सभी समुदायों के लिए समान नागरिक कानून का प्रस्ताव करता है। इससे पहले सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने यूसीसी का एक मसौदा मुख्यमंत्री को सौंपा था। यूसीसी सभी नागरिकों के लिए, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो, समान विवाह, तलाक, भूमि, संपत्ति और विरासत कानूनों के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करेगा। यूसीसी विधेयक का पारित होना 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले राज्य के लोगों से भाजपा द्वारा किए गए एक प्रमुख वादे की पूर्ति का प्रतीक होगा। मार्च 2022 में, धामी सरकार ने यूसीसी के लिए एक मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय लिया।

UCC लागू तो क्या होगा? : हर धर्म में शादी, तलाक के लिए एक ही कानून, जो कानून हिंदुओं के लिए, वही दूसरों के लिए भी, बिना तलाक एक से ज्यादा शादी नहीं कर पाएंगे, मुसलमानों को 4 शादी करने की छूट नहीं रहेगी. यूसीसी लागू होने के बाद कई चीजें ऐसी भी हैं जो नहीं बदलेंगी.  

UCC से क्या नहीं बदलेगा? : धार्मिक मान्यताओं पर कोई फर्क नहीं, धार्मिक रीति-रिवाज पर असर नहीं, ऐसा नहीं है कि शादी पंडित या मौलवी नहीं कराएंगे, खान-पान, पूजा-इबादत, वेश-भूषा पर प्रभाव नहीं

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