आईबीए की बैठक में केंद्रयी वित्त मंत्री बोलीं- देश को चार-पांच बड़े बैंकों की जरूरत

Desk. आज इंडियन बैंक्स एसोसिएशन की 74वीं बैठक हुई. इसमें केंद्रयी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में चार-पांच एसबीआई जैसे बड़े बैंक की आवश्यकता बतायी है. उन्होंने कहा कि देश की इकोनॉमी एक नई दिशा की ओर बढ़ रही है और जिस प्रकार इंडस्ट्री नई चीजों को अपना रही है, उससे कई चुनौतियां पैदा हुई हैं. इससे यह बात भी सामने आई है कि भारत को ना सिर्फ ज्यादा संख्या में बल्कि ज्यादा बड़े बैंकों की जरूरत है.

वहीं उन्होंने कहा कि कई जिलों में आर्थिक गतिविधियों का स्तर काफी ऊंचा है, लेकिन बैंकिंग उपस्थिति काफी कम है. वहां बैंक अपनी मौजूदगी को बढ़ाने के प्रयासों को और बेहतर करें. उन्होंने बैंकों से कहा कि उनके पास विकल्प है कि वे यह तय कर सकते हैं कि गली-मोहल्ले में छोटे स्तर के मॉडल के जरिए कहां बैंकिंग मौजूदगी दर्ज कराने की जरूरत है.

इंडियन बैंक्स एसोसिएशन की बैठक को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि भारत को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जैसे 4 या 5 और बैंकों की जरूरत है. इकोनॉमी और इंडस्ट्री में हाल में आए बदलावों की पृष्ठभूमि में जिस प्रकार से वास्तवकिताएं बदली हैं, उन्हें पूरा करने के लिए हमें बैंकिंग का विस्तार करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आज बैंकों का बही-खाता ज्यादा साफ-सुथरा है. ऐसे में वो बाजार से पैसा उठा सकते हैं, इससे सरकार पर बैंकों के रीकैपिटलाइजेशन का बोझ कम होगा.

वित्त मंत्री ने कहा कि अगर हम कोविड-19 के बाद की परिस्थितियों को देखें तो भारत का बैंकिंग सेक्टर काफी यूनिक नजर आता है, जिसने डिजिटलीकरण को सफलतापूर्वक अपनाया है. महामारी के दौरान कई देशों के बैंक अपने ग्राहकों तक पहुंच नहीं पा रहे थे. वहीं भारतीय बैंकों के डिजिटलीकरण की बदौलत हमें डीबीटी और डिजिटल मैकेनिज्म के जरिए छोटे, मझोले और बड़े अकाउंट होल्डर्स को पैसे ट्रांसफर करने में मदद मिली.