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कृषक वैज्ञानिक संवाद में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्वी राज्यों के 250 किसानों ने लिया हिस्सा

कृषक वैज्ञानिक संवाद में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्वी राज्यों के 250 किसानों ने लिया हिस्सा

RANCHI : केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री तथा जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुण्डा ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के अनुसंधान केंद्र कृषि प्रणाली का पहाड़ी एवं पठारी अनुसंधान केन्द्र, राँची का दौरा किया। इस अवसर पर केंद्र मे कृषक-वैज्ञानिक संवाद एवं कृषि प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस आयोजन में देश के पूर्वी राज्यों के 250 से अधिक किसानों ने भाग लिया। डॉ. अनुप दास, निदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना ने कृषि मंत्री का स्वागत किया एवं केन्द्र की गतिविधियों, उपलब्धियों तथा भविष्य की योजनाओं से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि इस केन्द्र ने अब तक सब्जियों की 52 एवं फलों की 5 उन्नत किस्मों तथा अनेक उन्नत कृषि तकनीकों का विकास किया है जिनसे पूर्वी भारत के लाखों किसान लाभान्वित हो रहे हैं। 

वहीँ कृषि मंत्री ने खेती और किसानों की महत्ता पर प्रकाश डाला तथा उन्होंने बताया कि वे निःसंदेह सम्मान के पात्र हैं। उन्होने कृषि उत्पादन के संदर्भ में आत्मनिर्भर बनने की बात कही। देश की बदलती अर्थ नीति को ध्यान में रखते हुए आधुनिक युग के अनुसार अधिक उपज और स्वस्थ पैदावार के लिए कृषि संस्थाएँ काम कर रही हैं। मंत्री ने केन्द्र के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि किसान ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रयोग कर अपने समय और संसाधनों की बचत कर सकते हैं। उन्होंने झारखंड के किसानों को प्राकृतिक एवं वैज्ञानिक तरीकों से खेती करने, फलों एवं सब्जियों का परिरक्षण, मूल्यवर्धन तथा बीज उत्पादन जैसे उद्यमों को व्यावसायिक तौर पर अपनाने की सलाह दी। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि जन-प्रतिनिधि इस अनुसन्धान केन्द्र से जुड़ें और  अपने पंचायत को कृषि आधारित आदर्श पंचायत बनाएं तथा बीज ग्रामों को बढ़ावा दें।

मौके पर कई किसानों ने अपनी सफलता की कहानी साझा की। प्रगतिशील किसानों एमलेन कंडुलना, कृषि उद्यमी सचिन झा एवं अंजली लकड़ा ने बताया कि अनुसंधान केन्द्र, प्लाण्डु के मार्गदर्शन में उन्नत कृषि तकनीकों जैसे- सब्जियों में संसाधन संरक्षण तकनीक, मडुआ का मूल्यवर्धन तथा वर्षभर मशरूम उत्पादन को अपनाकर वे सालाना 4 से 10 लाख रु. शुद्ध आय अर्जित कर रहे हैं। कृषि मंत्री ने अनुसंधान केन्द्र, राँची से लाभान्वित प्रगतिशील किसानों और उद्यमियों को उन्नत बीज एवं कृषि यंत्र प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने केन्द्र परिसर में रुद्राक्ष के पौधे का रोपण एवं प्रक्षेत्र का भ्रमण किया। केन्द्र के प्रक्षेत्र में स्थित ब्रिमैटो (बैंगन पर टमाटर का कलमबंधन) पौधे, ग्राफ्टेड टमाटर, आम की 12 किस्मों वाला एक पेड़ एवं कृषि ड्रोन आकर्षण के मुख्य बिन्दु रहे।

इस अवसर पर डा. के.पी. सिंह, सहायक महानिदेशक (अभियांत्रिकी), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली;  डा. सुजय रक्षित, निदेशक, भारतीय कृषि जैव-प्रौद्योगिकी संस्थान, राँची, राजेन्द्र किशोर, उप महानिदेशक (बागवानी), झारखण्ड, केन्द्र एवं राज्य सरकार के अधिकारीगण सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।अनुसंधान केन्द्र, राँची के प्रभारी प्रधान डॉ. आर.एस. पान द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया तथा कार्यक्रम का संचालन डा. बाल कृष्ण झा, प्रमुख वैज्ञानिक द्वारा किया गया।

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