मधुबनी में निकाह का एक अनोखा मामला प्रकाश में आया है. मधुबनी में दूल्हा नाव से बारात लेकर रवाना हुआ. दुल्हन भी नाव से ही अपने ससुराल आई. मधेपुर प्रखंड के परबलपुर गांव छह महीने सूखे की दंश झेलता है तो छह माह बाढ़ की त्रासदी से जूझता है. यहां के स्थानीय निवासियों को परेशानी झेलनी पड़ती है. कोसी की गोद में स्थित यह गांव बरसात में अस्त-व्यस्त हो जाता है. इस दौरान नाव का हीं सहारा होता है. कोसी की त्रासदी से जूझते मधेपुरा गांव में सड़कें जर्जर हैं.
ऐसे में इस मौसम में अगर विवाह शादी हो तो अंदाजा लगा लीजिए कठिनाई का. नाव हीं आवागमन का साधन होती है. एक जगह से दूसरे जगह और बाजार जाने के लिए नाव ही सहारा है. सोमवार को तक शादी थी. नाव को छोड़कर कोई साधन था हीं नहीं. सो बारात नाव पर चढ़ कर निकली.
परबलपुर निवासी मो. एहसान का निकाह बड़हारा गांव की नाजनीन से एक महीने पहले ही तय हुई थी. बिहार और नेपाल में हो रही बारिश के बाद प्रदेश की नदियां उफान पर हैं. कोसी नदी कुछ स्थानों पर खतरे के निशान से उपर बह रही है. कई जिलों के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने लगा है.कोसी नदी में बाढ़ आने के कारण निकाह की तारिख टालने की सोची जाने लगी. फिर तय हुआ कि घर से बलथी चौक के निकट पश्चिमी कोसी तटबंध तक गाड़ी से बारात पहुंची .पानी अधिक होने के कारण गाड़ी आगे नहीं जा सकती थी. इसलिए नाव पर ही दूल्हा को दुल्हन के गांव जाना पड़ा.
दुल्हे के पिता मो. कमालउद्दीन ने बताया कि निकाह तय हो चुकी थी इसलिए निजी नाव से 10 किमी दूर बारात ले जाया गया. दुल्हन भी नाव के माध्यम से ससुराल पहुंची. कोई दूसरा विकल्प नहीं है इसलिए नाव से जाना पड़ा. जहां साधारण तरीके से निगाह करवाया गया.इस निकाह को लेकर खूब चर्चा हो रही है. शौहर और उनकी बेगम का नाव से घर लौटने पर लोग खूब बातें बना रहे हैं.