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उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश को फिर दिखाया आइना... फोटो पोस्ट कर दिया सबूत- कैसे प्रतिबंधित की उड़ रही हैं धज्जियां

उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश को फिर दिखाया आइना... फोटो पोस्ट कर दिया सबूत- कैसे प्रतिबंधित की उड़ रही हैं धज्जियां

पटना. नीतीश सरकार में कुछ सामग्रियों पर लगाए गए प्रतिबंधों की धज्जियां जदयू नेताओं के सामने ही उड़ रही हैं, लेकिन जदयू नेता मूक दर्शक बने हैं. जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा के सामने ही नीतीश सरकार द्वारा प्रतिबंधित की गई सामग्री का उपयोग होता रहा और कुशवाहा चुपचाप देखते रहे. यहां तक कि उन्होंने इस प्रतिबंधित सामग्री के उपयोग वाली तस्वीर भी ट्विट कर दी. या कहा जाए तो उपेंद्र कुशवाहा ने बिना कुछ कहे ही एक ऐसी सच्चाई दिखाई है जो बिहार सरकार में प्रतिबंधों का सच बयां करता है. 

दरअसल, बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी की है लेकिन इसके बाद भी आए दिन अवैध शराब की जब्ती होती है. कुछ ऐसा ही हाल है राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध का. सिंगल यूज पॉलीबैग सहित थर्मोकोल की थाली-कटोरी पर बिहार सहित देश भर में 1 जुलाई 2022 से प्रतिबंध लग चुका है. लेकिन इसके बाद भी यह प्रतिबंध राज्य में प्रभावी नजर नहीं आता है. सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग हर जगह असानी से देखा जा सकता है. और ऐसा ही हुआ उपेंद्र कुशवाहा के सामने भी जब वे एक शादी समारोह में गए तो उनके सामने ही थर्मोकोल की थाली-कटोरी का उपयोग होता रहा. 

उपेंद्र कुशवाहा ने 7 दिसम्बर 2022 को एक ट्विट किया है. उसमें उन्होंने फोटो पोस्ट करते हुए लिखा है कि वैशाली जिले के राजापाकर के फरीदपुर में वे एक शादी समारोह में शामिल हुए हैं. फोटो में कुशवाहा के बगल में चार लोग बैठे हैं जिनके आगे टेबल पर थर्मोकाल से बनी थाली और प्लास्टिक से बने गिलास रखे हैं. यह तस्वीर इस बात का सूचक है कि बिहार में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध की क्या हकीकत है? प्रतिबंध के बाद भी राज्य में आसानी से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग देखा जा सकता है. हालांकि नियमों के अनुसार सिंगल यूज प्लास्टिक के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और इसके उपयोग पर रोक रहेगी. इसके उल्लंघन पर जुर्माना, जेल या दोनों हो सकता है.

नियम के अनुसार सिंगल यूज प्लास्टिक पर दुकानदारों के लिए सख्त नियम तो है ही वहीं आम लोगों पर अगर वे इसका इस्तेमाल करते हुए पकड़े जाते हैं तो कार्रवाई की जाएगी. पकड़े जाने पर 500 रुपये से लेकर दो हजार रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है. सबसे ज्यादा सख्ती दुकानदारों और प्रतिष्ठानों के लिए हैं. औद्योगिक स्तर पर उत्पादन, आयात, भंडारण और बिक्री करने वालों से 20 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक जुर्माना लिया जा सकता है. वहीं पांच साल की जेल भी हो सकती है. या फिर जेल और जुर्माना दोनों हो सकता है. पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत दंड का प्रावधान होगा.

सिंगल यूज प्लास्टिक की भांति ही नीतीश की शराबबंदी नीति पर भी न सिर्फ विपक्षी भाजपा बल्कि अब तो महागठबंधन के सहयोगी दलों ने भी सवाल उठाना शुरू कर दिया है. कुढ़नी में विधानसभा उपचुनाव में जदयू को मिली करारी हार के बाद महागठबंधन में शामिल कई दलों के नेताओं ने शराबबंदी की समीक्षा पर परोक्ष रूप से टीका-टिप्पणी शुरू की है. अब उपेंद्र कुशवाहा ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध की हकीकत बाकायदा फोटो पोस्ट कर के की है. 


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