राजद के नक्शे कदम पर चले उपेन्द्र कुशवाहा... शरद यादव के निधन के कारण रद्द किया दही-चूड़ा भोज

पटना. जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने मकर संक्रांति पर आयोजित दही-चूड़ा भोज रद्द कर दिया है. उन्होंने राजद नेता शरद यादव के निधन के कारण भोज को रद्द करने का निर्णय लिया है. शुक्रवार को उपेंद्र कुशवाहा ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने एक ट्विट कर कहा कि श्रद्धेय शरद यादव जी के निधन के कारण मेरे पटना आवास पर आयोजित दही-चुरा भोज रद्द किया जाता है. दरअसल, राजद के वरिष्ठ नेता शरद यादव का गुरुवार रात दिल्ली में निधन हो गया था. उनके निधन के बाद राजद और जदयू सहित देश के कई अन्य राजनीतिक दलों की ओर से शोक जताया गया.
बिहार में मकर संक्रांति पर जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और राजद की ओर से दही-चूड़ा भोज किया जा रहा था. दोनों की ओर से 14 जनवरी को इसका पटना में आयोजन था. बिहार के सभी दलों के नेताओं और विधानसभा तथा विधान परिषद के सदस्यों को इसमें बुलाया गया था. लेकिन शरद के निधन के कारण पहले राजद और अब जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने अपने अपने भोज रद्द कर दिए हैं.
इसके पहले उपेंद्र कुशवाहा ने शरद यादव के निधन पर शोक जताया. उन्होंने एक ट्विट में अपनी शोक संवेदना प्रकट करते हुए लिखा, महान समाजवादी नेता एवं देश में सामाजिक न्याय के वर्तमान समय के सबसे बड़े व सच्चे प्रहरी, हमारे अभिभावक श्री शरद यादव जी के निधन की खबर अत्यंत ही दुखद है। उनके जाने से देश में सामाजिक विषमता के खिलाफ एक खास किस्म के संघर्ष का अंत हो गया। इस दुख की घड़ी में मैंउनके जाने से देश में सामाजिक विषमता के खिलाफ एक खास किस्म के संघर्ष का अंत हो गया। इस दुख की घड़ी में मैं उनके परिवार के साथ हूं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति और परिजनों को दुख सहने की ताकत दें. वहीं अब उन्होंने दही-चूड़ा भोज भी स्थगित कर दिया है.
दरअसल, उपेंद्र कुशवाहा के इस दही-चूड़ा भोज की पिछले कुछ समय से जोरदार चर्चा थी. उन्होंने सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्ष के कई नेताओं को आमंत्रित किया था. इसे लेकर उन्होंने सफाई भी दी थी. उन्होंने कहा था कि यह एक गैर राजनीतिक भोज है. इसमें सभी दल के लोग आमंत्रित हैं. भाजपा के नेताओ को भी इसमें बुलाया गया है लेकिन इसे लेकर किसी प्रकार की भ्रामक बातें कही जा रही था. हालांकि राजनीतिक अटकलबाजियों के बीच अब शरद यादव के निधन के कारण उपेंद्र कुशवाहा ने भोज ही रद्द कर दिया है और तमाम राजनीतिक बयानों पर विराम लगा दिया है.