PATNA : बिहार में धर्म परिवर्तन का मुद्दा गरमा गया है। जिसमें जीतन राम मांझी के बाद अब जदयू संसदीय दल के नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने भी इसका समर्थन किया है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वह इस्लाम धर्म कबूल कर लेंगे, मुझे कौन रोक सकता है. धर्म परिवर्तन दबाव में नहीं होना चाहिए. पूर्व केंद्रीय मंत्री व जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने रविवार को कहा है कि अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन को कोई रोक नहीं सकता. यह संवैधानिक अधिकार है. अगर अच्छा ऑफर मिलता है तो इसमें कोई बुराई नहीं है।
जदयू नेता ने यह बातें बक्सर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही हैं। वहीं उपेंद्र कुशवाहा के इस बयान के बाद भाजपा हमलावर हो गई है। भाजपा ने जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बयान पर पलटवार किया है. पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने ट्वीट कर कहा है कि वोट के लिए धर्म छोड़ने की मंशा रखने वाले बेहतर ऑफर मिलने पर कुछ भी कर सकते हैं. हालांकि उन्होंने अपने किसी ट्वीट में उपेंद्र कुशवाहा का नाम सीधे तौर पर कहीं नहीं लिया है. पार्टी उपाध्यक्ष ने इसे सीधे वोट बैंक की राजनीति से जोड़ते हुए जदयू पर सीधा आरोप लगाया है.
इसी मामले से जुड़े एक अन्य ट्वीट के जरिये राजीव रंजन ने कहा कि जाति-धर्म व्यक्तिगत और सामाजिक मसले हैं. इसके राजनीतिक प्रयोग से हर जिम्मेवार राजनीतिक दल को बचना चाहिए. उन्होंने जदयू से सीधे तौर पर सवाल भी किया है कि समाज में विभेद फैलाना कहां तक उचित है।
जमा खां और मांझी ने भी धर्मांतरण को बताया था सही
उपेंद्र कुशवाहा से पहले बिहार के अल्पसंख्यक मंत्री जमा खां और पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने भी धर्मांतरण को सही बताया था। दोनों नेताओं ने कहा था कि अगर कोई स्वेच्छा से धर्मांतरण करता है, तो उसमें कुछ गलत नहीं है। मांझी ने कहा था कि अगर अपने धर्म में सम्मान नहीं मिलता है तो दूसरे धर्म को अपनाना गलत नहीं है.