DESK. मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को भी संसद के दोनों सदनों में जोरदार हंगामा हुआ. इस वहज से पहले सदन की कारवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए और फिर शाम 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. वहीं सदन की कार्यवाही बार बार बाधित होने और हर दिन हो रहे हंगामे से लोकसभा स्पीकर भी नाराज दिखे. उन्होंने विपक्ष को सदन की मर्यादा को बनाए रखने की अपील करते हुए बड़ी बात कही.
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा, जनता ने तख्तियां दिखाने और नारेबाजी के लिए नहीं भेजा है. नारे लगा रहे सदस्यों से लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन चर्चा संवाद के लिए है, नारेबाजी के लिए नहीं है और सदन में शोर-शराबा करने वाले सदस्य सदन की गरिमा को गिरा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हंगामा कर रहे सदस्यों का रवैया संसदीय परम्पराओं के लिए उचित नहीं है क्योंकि जनता ने तख्तियां दिखाने और नारेबाजी के लिए नहीं भेजा है.
उन्होंने कहा कि अमृतकाल में जनता हमसे चर्चा और संवाद की उम्मीद करती है’’ और वह सभी विषयों पर चर्चा के लिए प्रक्रिया अनुसार समय देने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि शून्यकाल में हर विषय को उठाने की अनुमति देने को तैयार हूं लेकिन हंगामा करेंगे तो इजाजत नहीं दूंगा. लोकसभा में कांग्रेस, द्रमुक सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने महंगाई, जीएसटी, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर बुधवार को भारी शोर-शराबा किया जिसके कारण कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। वे ‘जीएसटी वापस लो’ जैसे नारे लगा रहे थे.
इस बीच, लोकसभा सचिवालय ने एक बुलेटिन में कहा है कि स्थापित परंपरा के तहत संसद भवन परिसर में लोकसभा अध्यक्ष की मंजूरी के बिना पर्चा, पत्रक, प्रश्नावली, प्रेस नोट, साहित्य या मुद्रित सामग्रियों का वितरण नहीं किया जाना चाहिए तथा तख्तियां भी नहीं लायी जानी चाहिए. लोकसभा सचिवालय की संसद सुरक्षा सेवा के 19 जुलाई के बुलेटिन में यह बात कही गई है और सांसदों से सहयोग की अपील की गई है.