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इस्तीफा नहीं देने पर अड़े स्पीकर विजय कुमार सिन्हा, विधानसभा उपाध्यक्ष ने बताया इसे दुर्भाग्यपूर्ण

इस्तीफा नहीं देने पर अड़े स्पीकर विजय कुमार सिन्हा, विधानसभा उपाध्यक्ष ने बताया इसे दुर्भाग्यपूर्ण

पटना. बिहार में अब महागठबंधन की सरकार है, लेकिन विजय कुमार सिन्हा विधानसभा के अध्यक्ष पद छोड़ने को तैयार नहीं है। उन्होंने स्पष्ट कह दिया है कि वे विधानसभा के अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं देंगे। इस पर विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि ये जोर जबरदस्ती है। विधानसभा का अध्यक्ष वही होते हैं, जिनके पास बहुमत होता है। इनके पास बहुमत हैं ही नहीं और पद के लिए अड़ हुए हैं। ये लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।

विजय कुमार सिन्हा भाजपा से विधायक हैं और 2020 में एनडीए सरकार में बिहार विधानसभा का अध्यक्ष बने, लेकिन एनडीए सरकार पूरा कार्यकाल नहीं कर पाई। दो साल बाद ही सरकार गिर गई। नीतीश कुमार ने भाजपा से गठबंधन तोड़कर महागठबंधन में शामिल हो गए। इसके बाद बिहार में महागठबंधन की सरकार बन गई। ऐसे में स्पीकर विजय सिन्हा को अपना पद छोड़ना पड़ेगा। सत्ताधारी दल के ही कोई विधायक स्पीकर बनेंगे। हालांकि उन्होंने उन्होंने इस्तीफे से इनकार कर दिया है।

विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्ह ने मीडिया को संबंधित करते हुए कहा कि जो उन्हें नोटिस दी गई है वह नियमों और प्रावधान के खिलाफ है। बिहार में महागठबंधन की नई सरकार के गठन के तुरंत बाद महागठबंधन के 40 से अधिक विधायकों ने विजय सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। 

बिहार के 243 सदस्यीय विधानसभा में महागठबंधन के 160 से अधिक विधायक हैं, जहां अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए एक साधारण बहुमत की आवश्यकता है। कयास लगाए जा रहे हैं कि 79 विधायकों वाली सबसे बड़ी पार्टी RJD अपने दिग्गज नेता अवध बिहारी चौधरी को संवैधानिक पद के लिए नामांकित करते हुए अध्यक्ष पद के लिए दावा पेश करेगी। बिहार विधान परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष एवं BJP नेता अवधेश नारायण सिंह को भी बदला जा सकता है।

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