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विकास दुबे ने याद दिलाई कुख्यात शहाबुद्दीन की याद, पुलिस पर बरसाई थी एके 47 से गोलियां

विकास दुबे ने याद दिलाई कुख्यात शहाबुद्दीन की याद, पुलिस पर बरसाई थी एके 47 से गोलियां

DESK: विकास दुबे का नाम पिछले कुछ दिनो से सुर्खियों में है, ये शातिर डॉन आठ पुलिसकर्मी की हत्या कर फरार है. पुलिस उसकी छानबीन में लगी हुई है.  इसके साथ ही पुलिस ने  विकास दुबे का सुराग देने वालों को ढाई लाख रुपये इनाम देने का भी ऐलान किया है. दुबे की गिरफ्तारी को लेकर उत्तर प्रदेश से लगने वाली सारी सीमाएं सील कर दी गई है. इसके साथ ही नेपाल बॉर्डर पर भी चौकसी सख्त कर दी गई है. विकास और उसके गैंग की ओर से किए गए इस वारदात को देखकर बिहार के बाहुबली शहाबुद्दीन के घर पर हुई पुलिस की रेड के दौरान का घटनाक्रम भी याद आता है.

शहाबुद्दीन के लोगों ने पाकिस्तानी हथियारों से की थी पुलिस पर फायरिंग
दरअसल शहाबुद्दीन ने दो सगे भाइयों  को तेजाब से नहलाकर हत्या कर दी थी. उस मामले में  जेल के सलाखों के पीछे सजा काट रहा हैं। 16 अगस्त 2004 को रंगदारी के लिए व्यवसायी चंद्रेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के दो बेटों राजीव और सतीश की तेजाब से नहालकर हत्या कर दी गई थी। उस वक्त बिहार में आरजेडी की सरकार थी और शहाबुद्दीन आरजेडी के बाहुबली नेता। इन सब बातों को देखते हुए पुलिस वाले शहाबुद्दीन की गिरेबां पर हाथ डालने से बच रहे थे।

सिवान के डीएम और एसपी ने ठाना, खत्म करेंगे शहाबुद्दीन का खौफ

तेजाब कांड की वारदात के बाद सिवान के तत्कालीन डीएम सीके अनिल और एसपी एस रत्‍न संजय कटियार ने ठान लिया कि वह शहाबुद्दीन के खौफ को खत्म कर देंगे। दोनों अफसरों ने मिलकर पूरी प्लानिंग की और भारी पुलिस बल के साथ शहाबुद्दीन के प्रतापपुर वाले घर की घेराबंदी कर दी। शहाबुद्दीन के समर्थक भी पहले से ही तैयार बैठे थे और इसी बीच उन्होंने पुलिस बल पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। हालांकि पुलिस बल भी पूरी तैयारी के साथ गई थी और जबरदस्त तरीके से पलटवार किया।पुलिस का दावा है कि गोलीबारी थमने के बाद पुलिस जब शहाबुद्दीन के प्रतापपुर वाले घर के अंदर दाखिल हुई तो उसके होश उड़ गए। शहाबुद्दीन के घर में भारी मात्रा में पाकिस्तानी हथियार बरामद हुए थे। घर से पाकिस्तानी आर्डिनेंस कंपनी की मुहर लगी एके-47 राइफल भी बरामद हुई थी। कई ऐसे हथियार मिले जिसे केवल पाकिस्तानी सेना प्रयोग करती है। छापेमारी में इस बाहुबली नेता के घर से बहुमूल्य जेवरात और नकदी के अलावा जंगली जानवर जैसे शेर और हिरण की खाल भी बरामद हुई थी।

शहाबुद्दीन के ग्रुप ने 3 पुलिस वालों की कर दी थी हत्या
इससे पहले साल 2001 में भी बिहार पुलिस शहाबुद्दीन को गिरफ्तार करने उनके प्रतापपुर वाले आवास पर छापेमारी करने पहुंची थी। इस दौरान शहाबुद्दीन के गुर्गों और पुलिस के बीच करीब 3 घंटे  लगातार फायरिंग चली थी। जिसके बाद 3 पुलिसकर्मी मारे गए थे। 2001 में ही पुलिस जब आरजेडी के स्थानीय अध्यक्ष मनोज कुमार पप्पू के खिलाफ एक वारंट लेकर पहुंची थी तो शहाबुद्दीन ने गिरफ्तारी करने आए पुलिस अधिकारी संजीव कुमार को थप्पड़ मार दिया था। शहाबुद्दीन के सहयोगियों ने पुलिस वालों की जमकर पिटाई कर दी थी। इसके बाद पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा था।शहाबुद्दीन के लोगों ने पाकिस्तानी हथियारों से की थी पुलिस पर फायरिंग। 

दो सगे भाइयों की तेजाब से नहालकर हत्या के मामले में बाहुबली आरजेडी के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन जेल के सलाखों के पीछे अपनी करतूतों की सजा काट रहे हैं। 16 अगस्त 2004 को रंगदारी के लिए व्यवसायी चंद्रेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के दो बेटों राजीव और सतीश की तेजाब से नहालकर हत्या कर दी गई थी। उस वक्त बिहार में आरजेडी की सरकार थी और शहाबुद्दीन आरजेडी के बाहुबली नेता। इन सब बातों को देखते हुए पुलिस वाले शहाबुद्दीन की गिरेबां पर हाथ डालने से बच रहे थे।


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