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शिवहर में काम किये बगैर सरकारी कर्मियों ने उठा लिया 50 लाख रूपये, बीडीओ की शिकायत पर बीपीआरओ समेत 3 के खिलाफ दर्ज हुआ एफआईआर

शिवहर में काम किये बगैर सरकारी कर्मियों ने उठा लिया 50 लाख रूपये, बीडीओ की शिकायत पर बीपीआरओ समेत 3 के खिलाफ दर्ज हुआ एफआईआर

SHEOHAR : जिले के शिवहर प्रखंड के प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी और अन्य कर्मियों ने मिलीभगत कर बगैर काम कराये 50 लाख रुपए की निकासी कर ली है। इसकी भनक जैसे ही जिलाधिकारी पंकज कुमार को मिली। इस बावत उन्होंने डीडीसी अतुल कुमार वर्मा के नेतृत्व में एक जांच कमेटी गठित कर दी। जांच कमेटी के जांच में काफी खुलासे हुए हैं जिसमें बगैर नाली निर्माण बगैर सूखता निर्माण के निर्माण कार्य पूरा कर लाखों रुपए निकासी कर ली गई है। डीडीसी अतुल कुमार वर्मा ने बताया कि तकरीबन 11 योजनाओं को पूरा किए बगैर उसकी राशि निकाली गई है। 

डीएम के आदेश पर शिवहर प्रखंड के बीडीओ ने नगर थाने में शिवहर के प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी एवं अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। नगर थाना अध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर अग्रेतर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। शिवहर बीडीओ मो. राहिल ने नगर थाने में शिवहर के प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी सह मधुबनी जिले के खजौली थाना के कुसमा मरार गांव निवासी दिनेश कुमार, शिवहर जिले के श्यामपुर भटहां थाने के नयागांव निवासी सह शिवहर प्रखंड के सुगिया कटसरी व माधोपुर अनंत के जनसेवक सह पंचायत सचिव सह योजना अभिकर्ता अमित कुमार व नगर थाना के ताजपुर निवासी तकनीकी सहायक विवेक कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। बताया गया है कि पंचायती राज विभाग के निर्देश के आलोक में बीपीआरओ को कार्यपालक पदाधिकारी का प्रभार बीडीओ को सौंपा जाना था। लेकिन बीपीआरओ ने विभागीय नियमों की अनदेखी करते हुए प्रभार सौंपे जाने के लिए गजट प्रकाशित होने के बाद बैक डेट में विभिन्न योजनाओं की स्वीकृति और योजना को पूर्ण दिखाकर 50 लाख 45 हजार 878 रुपये का भुगतान कर दिया। इतना ही नहीं एक ही कर्मचारी को 11 योजनाओं का अभिकर्ता बना अधूरे काम का भी पूर्ण भुगतान कर दिया गया। 

जिलाधिकारी के निर्देश पर डीडीसी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी तथा सहायक निदेशक जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण की तीन सदस्यीय टीम ने योजनाओं की जांच की थी। जिसमें व्यापक पैमाने पर घोटाला सामने आया था। उक्त अधिकारियों ने अपनी संयुक्त जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी थी। जिसमें बताया गया था कि महुअरिया गांव में आंबेडकर चौक से ललन राउत के घर तक साढ़े सात लाख की लागत से नाले का निर्माण कराया जाना था। आज तक नाले का निर्माण नहीं हो सका है। जबकि जियो टैगिंग तीनों स्टेज का करते हुए जनसेवक सह पंचायत सचिव सह अभिकर्ता अमित कुमार को शत-प्रतिशत राशि का भुगतान कर दिया गया है। जांच के दौरान अधिकारियों ने पाया कि अमित कुमार को इस योजना के अलावा 11 अन्य योजनाओं का भी अभिकर्ता बनाया गया है। जबकि विभागीय निर्देश के अनुसार एक सरकारी कर्मचारी अधिकतम तीन योजनाओं का ही अभिकर्ता बनाया जा सकता है। 

शिवहर प्रखंड के हरनाही वार्ड एक, दो व तीन में 20 सोख्ता का निर्माण कराया जाना था। दो दिन पूर्व सिर्फ दो सोख्ता का निर्माण कार्य शुरू कराया गया। जबकि बीपीआरओ ने तीनो स्टेज की जियो टैगिंग में कार्य पूर्ण दिखाते हुए चहेते पंचायत सचिव सह योजना अभिकर्ता को सभी 20 सोख्ता के निर्माण मद की तीन लाख 43 हजार 768 रुपये का भुगतान कर दिया। बीपीआरओ के कई कारनामे भी सामने आए है। पंचायती राज विभाग के निर्देश के बावजूद उन्होंने पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी का प्रभार बीडीओ को नहीं सौंपा। बैक डेट में 12 योजनाओं को स्वीकृति प्रदान कर पोर्टल पर पूर्ण दिखा दिया। साथ ही भुगतान कर दिया। आठ योजनाओं में पंचायत समिति से एनओसी नहीं ली। योजनाओं की जियो टगिंग भी एक-दो दिन में ही पूर्ण कर ली गई। कई योजनाओं का भुगतान बगैर अभिलेख संधारण के ही कर दिया। एक ही अभिकर्ता से काम कराते हुए अधूरे काम का भी भुगतान कर दिया। विभागीय निर्देश के बावजूद 50 लाख 45 हजार 878 रुपये की निकासी की गई। जांच टीम द्वारा जब 19 दिसंबर को प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी के कार्यालय का दौरा किया तो कार्यालय बंद और प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी बगैर सूचना गायब मिले।

शिवहर से मनोज कुमार की रिपोर्ट

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