MOIHARI : मोतिहारी में लगभग सारे विभाग भ्रष्टाचार में गहराई तक डूबे हुए हैं। हर सप्ताह यहां किसी न किसी विभाग में गड़बड़ी के खुलासे होते हैं। यहां रिश्वत लेकर जमीन के रक्षक सरकारी जमीन को भी नही बख्श रहे। सरकारी जमीन के रक्षक ही मालिकाना हक के कागज बाट रहे है। जब मामला पकड़े जाने पर वरीय पदाधिकारी द्वारा स्पष्टीकरण मांगने पर जबाब देना भी अधिकारी वाजिब नहीं समझते।
मामला मोतिहारी जिला के संग्रामपुर अंचल से जुड़ा है ।संग्रामपुर अंचलाधिकारी ने सरकारी जमीन का दाखिल खारिज कर दिया गया ।क्रेता दाखिल खारिज के साथ ही रसीद कटा लिया ।विपक्षी द्वारा डीसीएलआर कोर्ट में परिवाद दायर करने के बाद पकड़ा गया ।अरेराज डीसीएलआर लखिन्द्र पासवान ने बताया कि संग्रामपुर अंचल की मौजा मधुबनी के खाता 102 खसरा 4021,4022 जो सरकारी जमीन है।इस जमीन को फर्जीवाड़ा कर त्रिलोकीनाथ साह से रमेश प्रसाद द्वारा वर्ष 2019 में रजिस्ट्री करवाया गया ।वही सरकारी जमीन होने के बाद भी संग्रामपुर सीओ द्वारा उसका दाखिल खारिज कर दिया गया।
सीओ की कारस्तानी सामने आने के बाद अब अरेराज डीसीएलआर ने सरकारी जमीन का दाखिल खारिज करने के मामले में संग्रामपुर सीओ से स्पष्टीकरण की मांग किया गया । लेकिन समय अवधि वितने के बाद भी सीओ द्वारा स्पष्टीकरण का जबाब नही दिया गया ।मामले के गम्भीरता को देखते हुए दाखिल खारिज को रद्द करते हुए सीओ पर करवाई के लिए डीएम को पत्र भेजा जा रहा है ।वही संग्रामपुर सीओ ने बताया कि कर्मचारी के गलत रिपोर्ट के कारण सरकारी जमीन का दाखिल खारिज हो गया है।डीसीएलआर के कार्रवाई से सरकारी जमीन का मालिकाना हक देने वाले पदाधिकारी व कर्मियों में हड़कंप मच गया है ।