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भटक रहे लोग! सरकार से चार लाख चाहिए, तो मृतकों के कोरोना पॉजिटिव होने का देना होगा प्रमाण

भटक रहे लोग! सरकार से चार लाख चाहिए, तो मृतकों के कोरोना पॉजिटिव होने का देना होगा प्रमाण

PATNA :  राज्य सरकार ने कोरोना से मारे गए लोगों के परिजनों को चार लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया है, लेकिन इस राशि के लिए जो नियम बनाए गए हैं कि शायद ही सभी लोगों को सरकार के इस फैसले का लाभ मिल पाएगा। मुआवजे के लिए सरकार के नियमों में कोरोना से मारे गए लोगों के आरटीपीसीआर या एंटीजेन रिपोर्ट पॉजिटिव होना अनिवार्य बताया गया है। ऐसे में उन लोगों की परेशानी बढ़ गई है, जिनके पार मरनेवाले की कोरोना रिपोर्ट नहीं है। साथ ही स्प्ष्ट कर दिया गया है कि मुआवजे के लिए सीटी स्कैन रिपोर्ट को मान्य नहीं किया जाएगा। 

मामले में पटना के एक प्राइवेट अस्पताल ने एक मरीज की मौत हो गई, अब परिजनों की शिकायत है कि अस्पताल में आरटीपीसीआर जांच नहीं कराई लेकिन अब आरटीपीसीआर पॉजिटिव की रिपोर्ट सिविल सर्जन कार्यालय की ओर से मांगी जा रही है। इस तरह के कई और मामले सामने आए हैं। जिनमें मौत के दौरान कोरोना जांच नहीं की गई। परिजनों के अनुसार जैनेंद्र का इलाज कोविड मरीज के रूप में प्रोटोकॉल के तहत ही किया जा रहा था, लेकिन सिविल सर्जन खुद कह रहीं कि मौत के समय का पॉजिटिव रिपोर्ट रहे तभी मुआवजा मिलेगा। वहीं पटना सिविल सर्जन ने कहा कि सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक ही मुआवजा दिया जा सकता है। मुआवजे के लिए आरटीपीसीआर या एंटीजन की रिपोर्ट पॉजिटिव होनी जरूरी है।

जांच के लिए बनाई गई है टीम

प्रदेश में कोरोना से हुई मौतौं की समीक्षा के लिए राज्य सरकार ने कमेटी बनाई है। इस कमेटी में जिला स्तर पर सिविल सर्जन, एसीएमओ व सिविल सर्जन की ओर से नामित एक डॉक्टर रहेंगे। वहीं अस्पतालों के लिए प्राचार्य, अधीक्षक, सुप्रीटेंडेट व मेडिसीन विभाग के एचओडी मौतौं के आंकड़े की जांच करेंगे। ये टीमें पांच जगहों से मौतों की सूचना एकत्रित करेंगी। इनमें होम आइसोलेशन, कोविड केयर सेंटर, डीसीएचसी व डीसीएच और अन्य तरीके शामिल हैं। निजी अस्पतालों में हुई मौतौं की भी समीक्षा जिला स्तर पर सिविल सर्जन, एसीएमओ व सिविल सर्जन की ओर से नामित एक डॉक्टर रहेंगे। वहीं अस्पतालों के लिए प्राचार्य, अधीक्षक, सुप्रीटेंडेट व मेडिसीन विभाग के एचओडी मौतौं के आंकड़े की जांच करेंगे। ये टीमें पांच जगहों से मौतों की सूचना एकत्रित करेंगी। इनमें होम आइसोलेशन, कोविड केयर सेंटर, डीसीएचसी व डीसीएच और अन्य तरीके शामिल हैं। निजी अस्पतालों में हुई मौतौं की भी समीक्षा भी की जाएगी


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