बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

'हम बालिग है, कहां रहेंगे, कहां नौकरी करेंगे, आप होते कौन हैं मुझे सलाह देनेवाले', विदेश में ही रहने की सलाह देनेवाले अब्दूल बारी सिद्दीकी को उनके बेटे ने दिया जवाब

'हम बालिग है, कहां रहेंगे, कहां नौकरी करेंगे, आप होते कौन हैं मुझे सलाह देनेवाले', विदेश में ही रहने की सलाह देनेवाले अब्दूल बारी सिद्दीकी को उनके बेटे ने दिया जवाब

PATNA : राजद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व वरिष्ठ नेता अब्दूल बारी सिद्दीकी ने कुछ दिन पहले भारत में माहौल खराब होने का हवाला देकर विदेश में पढ़ रहे अपने बेटे और बेटी को भारत वापस नहीं लौटने और विदेश की ही नागरिकता लेने की सलाह दी थी। अब सिद्दीकी को उनके ही बेटे ने जवाब दिया है। 

राजद नेता ने बताया कि मेरी सलाह को मेरे बेटे ने मानने से इनकार कर दिया है। सिद्दीकी ने स्वीकार किया कि उनकी सलाह का बेटे ने भी विरोध किया। बेटा का कहना था कि हम बालिग हैं। कहां रहेंगे, कहां नौकरी करेंगे, इसके बारे में सलाह देने का अधिकार आपको नहीं है। सिद्दीकी के पुत्र हार्वर्ड में पढ़ रहे हैं। बेटी लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पढ़ रही हैं।

सलाह देने पर घिर गए थे सिद्दीकी

अपने बेटे-बेटी को विदेश में नौकरी करने और मिलने पर उस देश की नागरिकता लेने सलाह देने पर भाजपा ने सिद्दीकी पर सवाल उठाए थे। जिस पर गुरूवार को चर्चा के दौरान राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि उन्हें एजेंडे के तहत घेरा जा रहा है। ऐसा कुछ नहीं कहा जो राष्ट्रविरोधी हो। हमें भाजपा या उस तरह के किसी दल से भारतीयता का प्रमाण पत्र लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि वह इसी मिट्टी में जन्मे और पले-बढ़े हैं। किसी से अधिक भारतीय हैं।

कई देश भक्तों के बच्चों ने ली विदेशी नागरिकता

उन्होंने गुरुवार को बातचीत में कहा कि बच्चों को ऐसी सलाह देने में कोई बुराई नहीं है। ऐसा कोई सर्वेक्षण हो तो पता चले कि तथाकथित देश भक्तों के कितने बाल बच्चे विदेश में पढ़ रहे हैं। नौकरी कर रहे हैं और नागरिक भी हैं। सिद्दीकी ने कहा कि सभापति के सम्मान समारोह में न्यायपालिका से जुड़े लोग भी थे। वे सहज भाव से अपनी बात कह रहे थे। किसी ने विरोध नहीं किया। 

क्या है मामला, क्यों घिरे सिद्दीकी

दरअसल पांच दिन पहले स्थानीय होटल में विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर के सम्मान में एक ऊर्दू दैनिक की ओर से सम्मान समारोह का आयोजन हुआ था। उसी में देश की हालत और रोजगार की कमी की चर्चा के दौरान सिद्दीकी ने अपनी संतानों को विदेश में नौकरी करने और नागरिकता तक हासिल करने की सलाह दी थी।


Suggested News