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हम किसी से कम नहीं! चिराग ने भी अंतिम दिन 'हेलिकॉप्टर' उतार दिया, उप चुनाव में राजद-जेडीयू में सीधी लड़ाई, लोजपा (रामविलास) की हालत पतली

हम किसी से कम नहीं! चिराग ने भी अंतिम दिन 'हेलिकॉप्टर' उतार दिया, उप चुनाव में राजद-जेडीयू में सीधी लड़ाई, लोजपा (रामविलास) की हालत पतली

PATNA: बिहार विधानसभा की दो सीटों पर हो रहे उप चुनाव का प्रचार समाप्त हो गया। सभी दल के नेताओं ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोक दी। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद भी कूदे और तारापुर व कुशेश्वर स्थान विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित किया। सत्ता पक्ष और विपक्ष की तरफ से 2 विधानसभा सीटों के चुनाव प्रचार में हेलिकॉप्टर का भी खूब इस्तेमाल हुआ। अंतिम दिन चिराग पासवान ने भी हेलिकॉप्टर से चुनाव प्रचार करने में अपना दर्ज करवा लिया। चिराग ने अंतिम दिन एक ही विधानसभा क्षेत्र में हेलिकॉप्टर से 2 चुनावी सभा कर जीत का दावा किया। हालांकि दोनों विधानसभा क्षेत्र में चिराग के कैंडिडेट की हालत पतली है। 

लोजपा(रामविलास) के राष्टीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने आज चुनाव प्रचार के अंतिम दिन कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र में दो चुनावी सभा को संबोधित किया। चिराग ने बिरौल और समैला चक कुशेश्वरस्थान में पार्टी प्रत्याशी अंजू देवी के पक्ष में चुनावी सभा किया। दोनों जगहों पर चिराग पासवान हेलिकॉप्टर से पहुंचे और जनसभा को संबोधित किया। हालांकि कुशेश्वर स्थान व तारापुर दोनों जगहों पर लोजपा(रामविलास) के कैंडिडेट की हालत बेहद ही खराब है। तारापुर से चिराग पासवान ने चंदन सिंह को उम्मीदवार बनाया है। बता दें, तारापुर सीट सुप्रीमो चिराग पासवान के संसदीय क्षेत्र की सीट है। लेकिन चिराग ने अपने संसदीय क्षेत्र की सीट की बजाए कुशेश्वरस्थान पर अधिक फोकस किया है। 

उप चुनाव में चिराग ने बदला कैंडिडेट

इस बार के उप चुनाव में चिराग पासवान ने कैंडिडेट बदल दिया है। लोजपा (पासवान) गुट ने इस बार  कुमार चंदन को तारापुर से चुनावी रण में उतारा है। वहीं सत्ताधारी जेडीयू की तरफ से राजीव कुमार सिंह, राजद से अरूण कुमार साह और कांग्रेस से राजेश कुमार मिश्रा कैंडिडेट हैं। 2020 और 2021 में काफी अंतर आया है। इस बार लोजपा टूट गई है। रामविलास पासवान के निधन के साल भऱ के अंदर ही पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व में पार्टी के 6 में 5 सांसद अलग हो गये हैं। अब चिराग पूरी तरह से अकेले पड़ गये हैं। ऐसे में चिराग के लिए मुश्किलें और भी बढ़ गई है। सहानुभूति बटोरने को लेकर चिराग पासवान ने पूरे बिहार में आशीर्वाद यात्रा निकाली। वे यह बताना नहीं भूले के चाचा पारस ने सीएम नीतीश के साथ मिलकर हमारे साथ छल किया। इस उप चुनाव में आशीर्वाद यात्रा की भी अग्नि परीक्षा होगी। हालांकि चाचा पारस लगातार चिराग पासवान को कटघरे में खड़ा करते रहे हैं। चाचा पारस खुलकर सीएम नीतीश के साथ हैं। अब देखना होगा कि चिराग पासवान को अपने संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं का भी आशीर्वाद मिल पाता है या नहीं। अगर लोजपा (रामविलास) गुट के कैंडिडेट की स्थिति 2020 से भी खराब हुई तो 2024 लोकसभा चुनाव के लिए चिराग की मुश्किलें और भी बढ़ेंगी। 

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