पूर्णिया- बिहार के अररिया और सीवान के बाद मोतिहारी में एक पुल ढलाई के एक दिन बाद ही ध्वस्त हो गया है. पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन प्रखंड में डेढ़ करोड़ की लागत से बन रहा निर्माणाधीन पुल भरभरा कर गिर गया. अब पूर्णिया जिले में तीन साल पहले बना पुल गिर गया है. पुल दोनों तरफ से टूट गया है.सड़क से पुल का संपर्क टूट गया है. इस पुल के टूटने से कई पंचायत और गांव के लोगों का आवागमन बाधित हो गया है.
पुल ढ़हने से लोग आक्रोशित हैं. तो बिहार सरकार पर सवाल खड़ा कर रहे हैं.लोगों का कहना है कि तीन साल में हीं पुल की भरभरा कर गिर गया है.पूर्णिया के अमौर प्रखंड में गिरा पुल मनरेगा योजना के तहत बना था. स्थानीय लोगों का कहना है कि अधिकारियों के भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी की वजह से ये पुल गिरा है. लोगों ने कहा कि जिस समय यह पुल बन रहा था उस समय मनरेगा विभाग के जेई को बोला भी गया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. महज 3 साल में ही या छोटा सा पूल भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गया.
पुल हादसे के विरोध में लोगों ने जमकर नारेबाजी की. गिरे हुए पुल के सामने ग्रामीण खड़े हो गए इसके बाद नारेबाजी करने लगे.
हालांकि सरकार अब पुल गिरने के मामले को लेकर सचेत दिख रही है. ग्रामीण कार्य विभाग ने अब पुल-पुलियों की ऑडिट करवाने का निर्णय लिया है. इसके लिए स्थानीय स्तर पर विभागीय अभियंताओं और अधिकारियों की तैनाती होगी. सत्ता पक्ष के नेता जहां हादसों जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कह रहे हैं तो विपक्षी दल इन घटनाओं के लिए डबल इंजन की सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए उन पर हमला कर रहे हैं. इस बीच बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने बिहार में पुल गिरने की घटनाओं को लेकर सीएम नीतीश और पीएम मोदी पर तंज कसा है.