नई दिल्ली. सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत अन्य 13 अन्य की कुन्नूर में हुए हेलिकॉप्टर हादसे में मौत से शोक में डूबे पूरे देश की प्रार्थना अब हादसे में एक मात्र जिंदा बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के लिए है. बुधवार दोपहर 12.08 बजे हेलिकॉप्टर का सम्पर्क टूटा और उसके बाद देश ने दुखदायी खबर सुनी.
इस हादसे में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ही जिंदा बचे हैं जो काफी घायल हैं. गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बताया कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का इलाज फ़िलहाल वैलिंगटन के सेना अस्पताल में चल रहा है. उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है. सिंह को बचाने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम सेवारत है और उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है.
हेलिकॉप्टर और विमान उड़ाने का कैप्टन वरुण सिंह को लम्बा अनुभव रहा है. 12 अक्टूबर 2020 में जब वे तेजस की उड़ान पर थे तब अचानक विमान में कुछ तकनीकी परेशनी आई. उन्होंने सूझबूझ का परिचय देते हुए विमान को तेजी नियंत्रित किया था और दस हजार फीट पर आई तकनीकी दिक्कत के बाद उसे सही सलामत जमीन पर उतरा था. उनकी इस सूझबूझ और बहादुरी के लिए उन्हें शौर्य चक्र से नवाजा गया. यह शांति के समय में दिया जाने वाला सबसे बड़ा पदक है.
जनरल रावत के हेलिकॉप्टर हादसे की मूल वजह क्या रही इसकी जांच के दौरान कैप्टन वरुण सिंह का बयान काफी अहम होगा. वे हर बात के गवाह हैं. साथ ही उनका सैन्य और विमान वहन का अनुभव देश सैन्य बलों के लिए मिसाल की भांति है. अब ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखकर उनकी जान बचाने की कोशिश की जा रही है. साथ ही अगर जरूरत पड़ी तो उन्हें एयर लिफ्ट कर किसी अन्य शहर के अस्पताल में दाखिल कराया जा सकता है.