पीएम मोदी की यह कैसी संवेदना ! पौने दो घंटे के संबोधन में मात्र ढाई से तीन मिनट मणिपुर पर बोलना अफसोसजनक, खूब बरसे राजद के मनोज झा

पटना. लोकसभा में करीब पौने दो घंटे के संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सिर्फ ढाई से तीन मिनट ही मणिपुर पर बोलने की सुध रही. यह दिखाता है कि मणिपुर की भयावह स्थिति पर केंद्र सरकार का किस प्रकार की संवेदनशीलता रखती है. पीएम मोदी और केंद्र सरकार को लेकर शुक्रवार को यह तंज राजद सांसद मनोज झा ने कसा. उन्होंने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान पीएम मोदी के ‘भाषण’ को निराशाजनक करार दिया. मणिपुर के बदले पीएम मोदी इधर-उधर की बातें ही करते रहे.
मनोज झा ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर पीएम मोदी को लोकसभा से मणिपुर के लिए शांति और न्याय की गारंटी की अपील करनी चाहिए थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. करीब 1.45 घंटे के बाद मोदी के वक्तव्य में मणिपुर पर शब्द आए लेकिन वह भी महज 2.30 या 3 मिनट मात्र। उन्होंने इसी तरह संसद के बाहर मणिपुर पर 30 सेकंड तक भाषण दिया था. इस बार भी लोकसभा में अपने भाषण का इस्तेमाल उपहास करने, चुटकुले सुनाने, ताने कसने के लिए किया, लेकिन कल का दिन उसके लिए दिन नहीं था। मणिपुर में एक त्रासदी हुई है। मानवता के खिलाफ अपराध हुआ है लेकिन उस पर बोला तक नहीं गया.
दरअसल, पीएम मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर अपनी सरकार की ओर से बोलते हुए भाषण के करीब 96 मिनट बाद मणिपुर का जिक्र किया था. जिस समय पीएम मोदी मणिपुर पर बोल रहे थे उस समय विपक्ष भी वॉकआउट कर चुका था. ऐसे में विपक्ष ने पीएम मोदी पर मणिपुर के मुद्दे पर गम्भीरता नहीं दिखाने का आरोप लगाया है. साथ ही लोकसभा में दिए उनके बयान को चुनावी भाषण जैसा करार दिया जिसमें मणिपुर के मुद्दे के बदले इधर-उधर की बातें करने का आरोप लगाया गया है. इसी को लेकर राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने इसे अफसोसजनक करार दिया.