आधी आबादी को मिलेगी हिस्सेदारी ? लोकसभा चुनाव में बिहार BJP महिलाओं को देगी टिकट या निबटा दिया जाएगा....

आधी आबादी को मिलेगी हिस्सेदारी ? लोकसभा चुनाव में बिहार BJP

पटना - आधी आबादी की हिस्सेदारी की बात हर दल के नेता करते हैं. भारतीय जनता पार्टी तो आधी आबादी की हिस्सेदारी देने का अभियान ही चला रही है. लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है. जब टिकट देने की बात आती है तो भाजपा कंजूसी दिखाने में सबसे आगे रहती है. क्या इस बार लोस टिकट बंटवारे में भाजपा महिलाओं को उनका वाजिब हक देगी ? यह बड़ा सवाल है. बिहार में 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने महज एक महिला उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारी थी. क्या इस बार संख्या शून्य होगी या फिर एक ही रहेगी या बढ़ेगी ? 

भारत में महिलाएँ देश की आबादी का लगभग आधा हिस्सा है.महिला आरक्षण बिल यानी नारी शक्ति वंदन अधिनियम को केंद्र की मोदी सरकार ने पास कर दिया .प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे  ऐतिहासिक कानून" बताते हुए, कहा कि यह  राजनीतिक प्रक्रिया में महिलाओं की अधिक भागीदारी को सक्षम करेगा. पहली बार संसद में पेश किए जाने के सत्ताईस साल बाद लोकसभा ने 20 सितंबर साल 2023 को संविधान में संशोधन करने और लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने के लिए लगभग सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया तो आस जगी कि महिलाओं को उनका हक- हकूक मिल सकेगा. अद्यतन वक्त में  महिला सांसदों की सदन में उपस्थिति की बात करें तो लोकसभा में आधी आबादी की भागीदारी 14.36 फिसदी है तो राज्यसभा में केवल  10 फिसदी है. लोकसभा चुनाव 2024 की रणभेरी बजने के साथ ही सवाल खड़ा हो गया कि तमाम दल क्या महिलाओं को उनका हक देंगे. सबसे बड़ा सवाल भाजपा से हो रहा है कि नारी वंदन अधिनियम को संसद में पास कराने वाली भाजपा बिहार में महिलाओं को उनकी आबादी के अनुरुप प्रत्याशी बनाएगी? लोक सभा चुनाव 2024को देखते हुए भारतीय राजनीति में महिलाओं की भागीदारी एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गई है. भाजपा की तरफ सबकी निगाह लगी है. 

आधी आबादी का सच

बात करें बिहार की तो साल 2014 के लोकसभा चुनाव  में 26 सीटों के प्रत्याशियों का भविष्य महिलाओं ने तय किया था.  कटिहार, सुपौल, किशनगंज में महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा थी तो साल 2019 के लोकसभा चुनाव में  पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम, काराकाट, जहानाबाद और गया क्षेत्रों को छोड़ दे तो बिहार के  32 सीटों पर महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा लोकतंत्र में अपनी भागीदारी वोट देकर सुनिश्चित की थी. साल 2019 के चुनाव में बिहार में 56 महिला उम्मीदवार थीं तो महिलाओं का वोट अधिक होने के बावजूद  तीन सीट शिवहर से भाजपा की रमा देवी, वैशाली से लोजपा की वीणा देवी और सीवान से जदयू की कविता सिंह हीं  जीत पाईं थी. 

Nsmch
NIHER

बिहार की बात करें तो एनडीए हो या फिर कांग्रेस की तो सबने नारी नारी शक्ति वंदन विधेयक का समर्थन किया है. लेकिन लोकसभा चुनाव में टिकट देने की बात आती है तो बिहार में भाजपा , कांग्रेस, जदयू , राजद  सभी दल एक साथ नजर आते हैं. बिहार में  लोकसभा की 40 सीटें हैं उनमें से 3 सीट शिवहर, सीवान  और वैसाली से हीं महिला सांसद हैं. शिवहर लोकसभा चुनाव क्षेत्र से रमा देवी ने भाजपा के सिंबल पर जीत का परचम लहराया था. जदयू की टिकट पर सीवान से कविता सिंह और वैशाली से लोजपा की टिकट पर वीणा देवी को जीत मिली थी.  लेकिन साल 2024 के लोकसभा चुुनाव में राजनीतिक दल आधी आबादी को कितनी हिस्सेदारी देंगे इसपर चर्चा का दौर जारी है. वहीं महिलाओं के हक हूकूक की बात करने वाली भाजपा इस बार लोकसभा की अपने हिस्से की 17 सीटों पर  महिला उम्मीदवारों की संख्या बढ़ाएगी या कोरा आश्वासन देकर हीं काम चला देगी,देखना बाकी है.

लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा हो चुकी है. भाजपा ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम को पास करते वक्त देस की आधी आबादी को लेकर  महिलाओं की अधिक भागीदारी को सक्षम  करने की बात कही थी. बिहार से भाजपा की एक मात्र सांसद है. क्या यह संख्या बढ़ेगी या फिर डब्बा गोल होगा ? कथित तौर पर शिवहर के भाजपा के सीटिंग सांसद का टिकट भी कटने की खबर है. ऐसे में सवाल है कि इस चुनाव में भाजपा अपने 17 सीटों में से कितनी सीट पर महिलाओं को उम्मीदवार बनाएंगी. भाजपा लोकसभा चुनाव में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाएगी या वादे हैं वादों का क्या.....