PATNA: राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदा बाबू का अनुशासन तार-तार हो गया। उनके दफ्तर में ही तेजप्रताप यादव ने चैलेंज दे दिया और वे टुकुर-टुकुर देखते रह गए। राजद के प्रदेश अध्यक्ष का अनुशासन उनके दफ्तर में ही तार-तार हो गया। जगदानंद सिंह नेताओं को अनुशासन के दायरे में रखने के लिए रोज नये-नए फरमान जारी करते थे लेकिन एक झटके में ही उनके सारे नियमों को तेजप्रताप ने खत्म कर दिया।
टुकुर-टुकुर देखते रह गए अनुशासन प्रिय जगदा बाबू
तेजप्रताप ने आज प्रदेश कार्यालय में ही जगदानंद सिंह को खुली चुनौती दे दी और कहा कि ये तो हमें रिसीव करने बाहर भी नहीं निकले। ऐसे नेताओं के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। लालू के बड़े लाल इतने भर से नहीं रूके कह दिया कि हम किसी से नहीं डरते। तेजप्रताप के गुस्से को जगदा बाबू देख और सुन रहे थे लेकिन क्या मजाल कि एक शब्द बोल भी पाते।लिहाजा चुप रहना ही मुनासिब समझा। अनुशासन का पाठ पढ़ाने वाले जगदा बाबू ने कहा कि आपस में बैठ कर बात कर लेंगे।
राजद में जगदानंद सिंह का रूल नहीं चलेगा
तेजप्रताप ने कहा कि कार्यकर्ताओं को जगदानंद सिंह से मिलने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। वे आवेदन देते हैं फिर भी प्रदेश अध्यक्ष मुलाकात नहीं करते हैं। राजद में ऐसे लोगों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। रामचंद्र पूर्व तो स्वागत करने के लिए भी बाहर आते थे, कार्यकर्ताओं से भी आसानी से मुलाकात करते थे। तेज प्रताप यादव ने यहां तक कह दिया कि राजद को ऐसी हालत में पहुंचाने वाले जगदानंद सिंह जैसे नेता ही हैं। राजद में जगदानंद सिंह का रूल नहीं चलेगा, यहां अप्वाइंटमेंट कल्चर नहीं चलने देंगे। यह गरीबों की पार्टी है।
क्या तेजप्रताप पर एक्श लेंगे जगदा बाबू
राजद के प्रदेश कार्यालय में ही तेजप्रताप द्वारा अनुशासन भंग किये जाने के बाद भी जगदानंद सिंह की चुप्पी अब सवालों के घेरे में है। अब तो पार्टी के कई बड़े नेताओँ ने भी अपरोक्ष तौर पर कहा कि कहां गया जगदा बाबू का अनुशासन। अगर वाकई में वे अनुशासन प्रिय हैं तो तेजप्रताप पर कार्रवाई करनी चाहिए। क्या राजद के प्रदेश अध्यक्ष का अनुशासन सिर्फ छोटे नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए है ? तेजप्रताप द्वारा राजद प्रदेश अध्यक्ष को खुला चैलेंज देने पर जेडीयू ने जगदा बाबू का मजाक उड़ाया है।