अविश्वास प्रस्ताव पर बोलने के लिए किस पार्टी को कितना देर मिला समय,जानिए, इससे पहले कब आया था मोदी सरकार के खिलाफ नो कंफिडेंस मोशन

अविश्वास प्रस्ताव पर बोलने के लिए किस पार्टी को कितना देर मिला समय,जानिए, इससे पहले कब आया था मोदी सरकार के खिलाफ नो कंफिडेंस मोशन

दिल्ली- इंडिया गठबंधन समेत कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ लोकसभा मे अविश्वास प्रस्ताव पेश किया,जिस पर बहस शुरु हो गयी है. लोकसभा में चर्चा की शुरुआत कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने की. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के पहले एडीए की बैठक संसद के लाइब्रेरी बिल्डिंग में बुलाई गयी, जिसमें पीएम मोदी भी शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गठबंधन को घमंडी गठबंधन कहा.पीएम ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव को आखिरी गेंद समझकर छक्का मारें.

 अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए सांसदों की संख्या बल के आधार पर समय मिलता है.इस अविश्वास प्रताव पर चर्चा के लिए के लिए लिए बारह घंटे का समय दिया गया है.इसमें छह घंटा भाजपा को मिला है वहीं कांग्रेस को एक घंटा 9 मिनट  का समय मिला है तो तृणमूल कांग्रेस,डीएमके को 30- 30 मिनट समय मिला है.वहीं  शिवसेना को 24 मिनट तो जेडीयू को 21 मिनट का समय मिला है.

भाजपा के तरफ से बिहार से रामकृपाल यादव को सरकार का पक्ष रखने की जिम्मेवारी दी गई है. भाजपा की तरफ से 20 सांसद अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सरकार का पक्ष रखेंगे.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को सायं चार बजे अविश्वास प्रस्ताव पर अपनी सरकार का पक्ष रखेंगे.

इस दौरान राहुल गांधी चर्चा में शामिल होंगे.राहुल गांधी की सदस्यता सोमवार को बहाल हो गई थी.बता दें केंद्र की मोदी सरकार मंगलवार को संसद में अपने खिलाफ दूसरे अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रही है. यह दूसरे कार्यकाल का पहला अविश्वास प्रस्ताव भी है. मणिपुर की स्थिति को लेकर संसद के मानसून सत्र में 26 जुलाई को विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. जिसे स्पीकर ने मंजूर कर लिया था.इससे पहले 2018 में तेलगू देशम पार्टी ने अविश्वास प्रस्ताव मोदी सरकार के खिलाफ लाया था. आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने से नाराज चंद्रबाबू नायडू की तेलगुदेशम पार्टी द्वारा नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था.

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