नीतीश-लालू में कौन हैं तेल और कौन पानी ? अमित शाह का जबरदस्त प्रहार, बोले- नीतीश बाबू..! 'तेल' का कुछ नहीं गंवाना...गंदा तो 'पानी' को ही होना है, आपकी दाल गलने वाली नहीं

नीतीश-लालू में कौन हैं तेल और कौन पानी ? अमित शाह का जबरदस्त प्रहार, बोले- नीतीश बाबू..! 'तेल' का कुछ नहीं गंवाना...गंदा तो 'पानी' को ही होना है, आपकी दाल गलने वाली नहीं

PATNA:  देश के गृह मंत्री अमित शाह ने झंझारपुर की जनसभा से विपक्ष पर करारा प्रहार किया. उन्होंने लालू यादव व संपूर्ण विपक्ष के भ्रष्टाचार-तुष्टिकरण को लेकर इंडिया गठबंधन को कटघरे में खड़ा किया. अमित शाह ने नीतीश-लालू की तुलना तेल और पानी से किया. उन्होंने कहा कि नीतीश-लालू की जोड़ी पानी और तेल की तरह है. गृह मंत्री शाह ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश बाबू स्वार्थ कितना भी ऊपर हो, तेल और पानी कभी साथ नहीं हो सकते. उसमें तेल को कुछ नहीं गवांना है. तेल पानी को ही गंदा करती है. आपने प्रधानमंत्री बनने के लिए जो गठबंधन किया है वह गठबंधन आपको भी डूबाने वाला है.

2024 में चालीस की चालीस सीटें जीतेंगे-अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि 2024 में चुनाव आने वाला है. मैं बिहार की जनता का इसलिए धन्यवाद करना चाहता हूं कि 2014 में 40% वोट और 31 सीटों के साथ आपने मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाने का काम किया. इसलिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद .2019 में भी 53% वोट और 39 सीटें दी और मोदी जी को आपने फिर से प्रधानमंत्री बनाया. मुझे पूरा विश्वास है 2024 में 39 सीटों का रिकॉर्ड तोड़कर 40 की 40 सीटें एनडीए जीतेगी. आप लोगों ने ही मोदी जी को देश का प्रधानमंत्री बनाया है. 

नीतीश पानी और लालू तेल, तेल को कुछ नहीं होने वाला.. पानी ही गंदा होगा-शाह

अमित शाह ने नीतीश-लालू की जोड़ी को पानी और तेल की संज्ञा दी. शाह ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश बाबू स्वार्थ कितना भी ऊपर हो तेल और पानी कभी साथ नहीं हो सक.ते उसमें तेल को कुछ नहीं गवांना है. तेल पानी को ही गंदा करती है. आपने प्रधानमंत्री बनने के लिए जो गठबंधन किया है वह गठबंधन आपको भी डूबाने वाला है.

जनसभा को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि बिहार का अखबार लगातार पढ़ रहा हूं. अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. मैं बिहार की जनता को कहने आया हूं, यह जो स्वार्थी गठबंधन बना है, यह गठबंधन फिर से बिहार को जंगल राज में ले जाने वाला है. क्या आपको फिर से जंगल राज चाहिए...अरे जोर से बोलो, जंगल राज चाहिए क्या,  लालू जी फिर से एक्टिव हो गए हैं नीतीश जी इनएक्टिव हो गए हैं . लालू जी एक्टिव और नीतीश जी इन एक्टिव हों तो समझ सकते हैं कि बिहार में क्या होने वाला है ? विपक्षी गठबंधन को नाम बदलने की क्यों जरूरत पड़ी, क्योंकि यूपीए गठबंधन ने 12 लाख करोड़ के घपले घोटाले किए थे. रेलवे मंत्री रहते लालू जी ने अरबों-खरबों का भ्रष्टाचार किया था. कोर्ट में कैसे चल रहे हैं .अब नीतीश जी लालू जी के भ्रष्टाचार को नहीं देखते हैं. नाम बदलने से वे लोग सत्ता में नहीं आने वाले. यह वहीं लालू प्रसाद यादव हैं, जिन्होंने बिहार को सालों तक पीछे धकेलना का काम किया.

आज इस गठबंधन के लोग रामचरितमानस का अपमान करते हैं, क्या आप इससे सहमत हैं ?  जन्माष्टमी की छुट्टी रद्द कर देते हैं, आप इससे सहमत हैं क्या, भाई-बहन के त्यौहार रक्षाबंधन की छुट्टी रद्द कर देते हैं, क्या आप इससे सहमत हैं?  सनातन धर्म को कई रोगों के साथ नाम जोड़ते हैं, इन लोगों का सिर्फ एक ही काम है तुष्टिकरण. अगर फिर से नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री नहीं बनाया तो सीमांचल क्षेत्र एक बार फिर से घुसपैठ बढ़ जाएगा और बिहार में कई तरह की समस्या आ खड़ी होंगे. क्या आप चाहते हैं कि सीमांत क्षेत्र घुसपैठियों से भर जाए, 

शाह ने नीतीश-लालू पर तंज कसते हुए कहा कि दोनों का अपना-अपना स्वार्थ है. लालू यादव अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और नीतीश बाबू को हर बार की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री बनना है. उन्होंने कहा कि नीतीश बाबू आपकी दाल नहीं गलने वाली नहीं है. प्रधानमंत्री का पद खाली नहीं है .वहां एक बार फिर से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनने वाले हैं. लालू यादव अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, यह पूरी तरह से स्वार्थी गठबंधन है.

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