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सोनिया गांधी ने क्यों किया राज्यसभा जाने का फैसला, रायबरेली की जनता को पत्र लिखकर किया खुलासा, पढ़िए पूरी चिट्ठी

सोनिया गांधी ने क्यों किया राज्यसभा जाने का फैसला, रायबरेली की जनता को पत्र लिखकर किया खुलासा, पढ़िए पूरी चिट्ठी

DESK. राज्यसभा चुनाव के लिए राजस्थान से नामांकन करने के बाद कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने गुरुवार को रायबरेली संसदीय क्षेत्र के लोगों के लिए एक संदेश जारी किया. उन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने के फैसले की वजह भी बताई है. साथ ही रायबरेली की जनता के प्रति आभार जताया है कि उनसे मिले समर्थन के कारण ही उन्हें भारत की सियासत में विशेष पहचान मिली. सोनिया गांधी ने एक दिन पहले ही जयपुर जाकर राजस्थान से राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन किया था. रायबरेली सीट से कांग्रेस और विशेषकर नेहरु-गांधी परिवार के कई लोगों ने जीत हासिल की. अब यहां से सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी के आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना है. इसके पहले सोनिया गांधी ने रायबरेली की जनता के नाम आभार प्रकट करते हुए एक पत्र लिखा है. 

चिट्ठी में लिखा : उन्होंने लिखा, ‘रायबरेली के मेरे स्नेही परिवारीजन, नमस्कार ! मेरा परिवार दिल्ली में अधूरा है। वह रायबरेली आकर आप लोगों में मिलकर पूरा होता है। यह नेह - नाता बहुत पुराना है और अपनी ससुराल से मुझे सौभाग्य की तरह मिला है। रायबरेली के साथ हमारे परिवार के रिश्तों की जड़ें बहुत गहरी हैं। आजादी के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में आपने मेरे ससुर श्री फीरोज गाँधी जी को यहाँ से जिताकर दिल्ली भेजा। उनके बाद मेरी सास श्रीमती इंदिरा गाँधी जी को आपने अपना बना लिया। तब से अब तक, यह सिलसिला जिंदगी के उतार-चढ़ाव और मुश्किल भरी राह पर प्यार और जोश के साथ आगे बढ़ता गया और इस पर हमारी आस्था मजबूत होती चली गई।

इसी रौशन रास्ते पर आपने मुझे भी चलने की जगह दी। सास और जीवनसाथी को हमेशा के लिये खोकर मैं आपके पास आई और आपने अपना आँचल मेरे लिये फैला दिया। पिछले दो चुनावों में विषम परिस्थितियों में भी आप एक चट्टान की तरह मेरे साथ खड़े रहे, मैं यह कभी भूल नहीं सकती। 

यह कहते हुए मुझे गर्व है कि आज मैं जो कुछ भी हूँ, आपकी बदौलत हूँ और मैंने इस भरोसे को निभाने की हरदम कोशिश की है। अब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते मैं अगला लोकसभा चुनाव नहीं लडूंगी। इस निर्णय के बाद मुझे आपकी सीधी सेवा का अवसर नहीं मिलेगा, लेकिन यह तय है कि मेरा मन-प्राण हमेशा आपके पास रहेगा। मुझे पता है कि आप भी हर मुश्किल में मुझे और मेरे परिवार को वैसे ही सँभाल लेंगे जैसे अब तक सँभालते आये हैं।

बड़ों को प्रणाम ! छोटों को स्नेह ! जल्द मिलने का वादा ।‘


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