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CM की कुर्सी छोड़ेंगे नीतीश ? किसान समागम में बोले मुख्यमंत्री, हम अब 72 साल के हो गए और कितना....

CM की कुर्सी छोड़ेंगे नीतीश ? किसान समागम में बोले मुख्यमंत्री, हम अब 72 साल के हो गए और कितना....

PATNA: बिहार में चतुर्थ कृषि रोड मैप से पहले सुझाव लेने को लेकर किसान समागम का आयोजन किया गया है. बापू सभागार में आयोजित किसान समागम में मुख्यमंत्री ने किसानों को संबोधित करते हुए कई बड़ी बातें कही. सीएम नीतीश ने कहा कि हमारी उम्र अब 72 साल की हो गई है. अब हम कितना आपलोगों को समझायेंगे.

हम अब 72 साल के हो गए 

बापू सभागार में आयोजित सम्मेलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोग किसानों के हित में एक एक चीज के बारे में सोच रहे हैं .आपकी उपज और आमदनी बढ़े इसको लेकर काम कर रहे हैं. याद करिए पुराना दिन,पहले कौन काम होता था ?  आज कितना काम हो रहा है . बाढ़ सुखाड़ में जो राहत वितरित करते हैं उसमें हम सब लोगों को मदद करते हैं .सिर्फ खेत वाले को ही नहीं बल्कि सबको राहत मिलती है. मुख्य़मंत्री ने कहा कि आज जमीन को लेकर सबसे अधिक झगड़ा होता है. 60 फीसदी से अधिक झगड़ा जमीन को लेकर होता है. हम तो चाहते थे कि 2022 तक ही सर्वे सेटलमेंट का काम हो जाय, लेकिन नहीं हुआ। मंच पर ही विभाग के अपर मुख्य सचिव बैठे हुए हैं. अब यह कह रहे हैं कि 2024 तक पूर्ण होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आप सब लोगों से गुजारिश करेंगे, हाथ जोड़कर विनती करेंगे कि विवाद मत करिए। मेरी बात पसंद हो तो मानिए, पसंद नहीं हो ता मत मानिए. कोई बात नहीं है. हमको तो सुझाव देना था, हम दे रहे हैं. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बताइए... हम तो 72 साल के हो गए . अब कितना कहते रहेंगे, कितना समझायेंगे।


भड़क गए नीतीश कुमार  

बापू सभागार में किसान अपना-अपना सुझाव दे रहे थे. इस दौरान बीच-बीच में अंग्रेजी शब्द का प्रयोग कर रहे थे. यह सुनकर नीतीश कुमार ने बैठे-बैठे ही माइक पर सबकी क्लास लगा दी. सीएम नीतीश ने कहा कि अंग्रेजी शब्द का प्रयोग करते हैं?  यह हो क्या गया है..। अपने राज्य और देश की भाषा हिंदी शब्द को भूल जाइएगा ? हमको तो आश्चर्य लग रहा है....। आप खेती करते हैं ना जी...?  खेती तो आम आदमी करता है ना जी? आपको यहां बुलाया गया सुझाव देने के लिए, आप आधा अंग्रेजी बोल रहे हैं. यह भारत है न जी, यह बिहार है ना जी, हम देख रहे हैं. आजकल सारा लोग अब मोबाइल पर देख रहा है. सब अपनी पुरानी भाषा को भूल रहा है, पुरानी चीज को भूल रहा है. इसलिए जरा ठीक से बोलिए , अपनी भाषा में बोलिए. हर चीज में अंग्रेजी घुसा दे रहे हैं. यह ठीक नहीं है. आप गवर्नमेंट का स्कीम बोल रहे, सरकार की योजना क्यों नहीं बोलते ? बोल रहे प्रोवाइड किया जाएगा, उपलब्ध कराया जाएगा यह नहीं बोल रहे? 

जो मन करे वही करिए, हमें क्या है

नीतीश कुमार यहीं नहीं रूके कहा कि आप लोगों को मालूम है न ? हम इंजीनियरिंग पढे हैं.  अंग्रेजी में ही पढ़ाई होती थी.यह अलग चीज है. जहां पढ़ना-पढ़ाना है वहां बोलिए। हम राजनीति करते हैं कहां अंग्रेजी बोलते हैं ? आजकल तो देखकर आश्चर्य हो रहा है. यह सब जरा देखिए. जहां अंग्रेजी बोलना हो वहां पर बोलिए. अपने राज्य और अपने लोगों के बीच क्या जरूरत है अंग्रेजी बोलने की ? हम महिलाओं को भी देख रहे हैं ,अंग्रेजी घुसा दे रही है. हम अधिकारियों से कहेंगे कि इस बात को देखिए. वैसे शब्दों का प्रयोग मत करवाइए. यहां अंग्रेजी शब्द का प्रयोग कर दे रहे हैं वहां कर दे रहे हैं. अंग्रेजी शब्द का प्रयोग मत करिए. जो मौलिक चीज है उस चीज को कायम रखिए। बीच-बीच में जो नया-नया चीज दिख रहा है. हम आप लोगों को बता दे रहे हैं. आजकल सब लोग मोबाइल पर ही हो गए हैं. इधर से उधर करते रहते हैं. यह बात आप लोग जान लीजिए. अब मुश्किल है कि 100 साल धरती बचें. हम चाहते हैं कि लोग ठीक-ठाक से रहें. किसी को अंग्रेजी बोलना है बोलिए, हिंदी बोलना है वह लोग बोलें, स्थानीय भाषा में बोलना है अलग बोलें, सब को एक ही में मत घुसा दें. क्या मतलब है इसका . मुख्यमंत्री ने पूछा कि सिर्फ एक ही भाषा है अंग्रेजी ? जिस ने राज किया था हिंदुस्तान पर....। मेरा सुझाव है... मानना है तो ठीक है, न मानना हो मत मानिए. जो मन करे वही करिए. हमको क्या है... हम जब तक है जब तक आप के हित में काम करते रहेंगे. जो मन करे वही करते रहिए. हम क्या करें.

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