PATNA: बिहार में एनडीए की सरकार में मंत्री मुकेश सहनी ने सरकारी कार्यक्रम में अपने भाई को भेज दिया था। तस्वीर सामने आने के बाद भारी बवाल मचा था। विधानसभा में राजद विधायकों के भारी हंगामे के बाद मुख्यमंत्री ने जवाब दिया था। तब सीएम नीतीश ने कहा था कि अगर ऐसा हुआ है तो आश्चर्यजनक है। मैं अभी जाकर पूछता हूं। विस से निकलकर नीतीश कुमार सीधे विधान परिषद स्थित अपने कक्ष पहुंचे थे और मुकेश सहनी को तलब किया था। बताया जाता है कि तब सीएम नीतीश ने सरकारी कार्यक्रम में खुद की जगह भाई को भेजने पर कड़ी नाराजगी जताई थी। साथ ही मुकेश सहनी से मीडिया के सामने सफाई देने को कहा था। अब नीतीश कुमार महागठबंध के साथ हैं। वन एवं पर्यावरण मंत्री तेजप्रताप यादव ने भी मुकेश सहनी के तर्ज पर ही काम किया। सरकारी मीटिंग में अपने जीजा व मीसा भारती के पति को बिठाये रखा। तस्वीर सामने आने के बाद राजनीति गरम है। बड़ा सवाल यही है कि सरकारी कार्यक्रम में मुकेश सहनी की बजाय भाई को भेजने पर सख्त रूख अख्तियार करने वाले सीएम नीतीश कुमार अब तेजप्रताप यादव से जीजा को बैठाने पर सफाई मांगेंगे?
सरकारी बैठक में लालू के दामाद
वन एवं पर्यावरण मंत्री तेजप्रताप यादव गुरूवार को बिहार प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के कार्यालय पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने परिवेश भवन में विभाग के प्रधान सचिव अरविंद चौधरी, पर्षद के अध्यक्ष समेत अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की थी। मंत्री तेजप्रताप यादव ने बैठक के दौरान अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये थे। लेकिन बैठक की सबसे खास बात यह थी कि मीटिंग में लालू प्रसाद के दामद भी किसी अधिकारी की तरह बैठे दिखे थे। सरकारी बैठक में तेजप्रताप यादव के बहनोई व मीसा भारती के पति शैलेश कुमार दिखे थे। बोर्ड की मीटिंग में लालू प्रसाद के बड़े दामाद कैसे बैठे थे, यह तो मंत्री ही बता सकते हैं। अगर उऩके सरकारी निजी सचिव के तौर पर बैठे हों तो यह भी नियमसंगत नहीं कहा जा सकता है। पूर्व में जीतनराम मांझी जब मुख्यमंत्री बने थे तो अपने दामाद को पीएस बना लिया था। विवाद बढ़ने पर उन्हें अपने दामाद को पीएस पद से हटाना पड़ा था। तब जीतनराम मांझी की ताफी फजीहत हुई थी। विवाद बढ़ता देख उन्होंने अपने दामाद को हटाकर मामले को शांत किया था। नीतीश कुमार भी मांझी के इस निर्णय से खफा हुए थे।
सरकारी मीटिंग में दामाद कैसे बैठे? जवाब नहीं
सरकारी मीटिंग में तेजप्रताप यादव के साथ लालू प्रसाद के दामाद किस हैसियत से बैठे, इस सवाल पर जेडीयू के नेता चुप हैं। इस मुद्दे पर जेडीयू के नेता कुछ भी बोलने को तैयार नहीं। वहीं राजद की तरफ से भी इस मुद्दे पर बोलने से परहेज किया जा रहा है। राजद विधायक भाई वीरेन्द्र से जब इस मुद्दे पर पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया। वहीं इस मुद्दे पर बीजेपी नेताओं ने सीधे सीएम नीतीश कुमार को घेरा है। पूर्व वन एवं पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार सिंह ने बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि वे सरकारी मीटिंग में अपने जीजा को कैसे बैठा सकते हैं। अब बिहार में सुशासन का असली चेहरा दिखने लगा है।
मुकेश सहनी के इस्तीफे पर अड़ गई थी आरजेडी
मार्च 2021 में तब मुकेश सहनी एनडीए की सरकार में पशुपालन मंत्री थे। हाजीपुर में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में जिसमें उन्हें खुद जाना था,वहां अपने भाई संतोष सहनी को भेज दिया था। हाजीपुर में एक सरकारी कार्यक्रम में मत्स्य विभाग की योजना के तहत मंत्री मुकेश सहनी की जगह भाई संतोष सहनी ने चयनित मछलीपालकों को आइस बॉक्स, मोपेड, बाइक और छोटी मालवाहक गाड़ियां वितरित की थीं . तस्वीर सामने आने के बाद बजट सत्र के दौरान राजद विधायकों ने भारी हंगामा किया था। विधानसभा में विपक्षी दल राजद के विधायकों ने कहा था कि हाजीपुर में एक सरकारी कार्यक्रम का उद्घाटन मंत्री मुकेश सहनी के बदले उनके भाई ने किया है। यह घोर आपत्तिजनक है। उन्होंने कहा कि ऐसे मंत्री को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए। इस मुद्दे को लेकर अन्य सदस्य भी सदन में हंगामा करने लगे। तब खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोर्चा संभाला और कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है लेकिन यदि ऐसा हुआ है तो यह आश्चर्यजनक है। हम मामले को देखेंगे।
सीएम नीतीश ने सदन में बोला था-यह तो आश्चर्यजनक
सीएम नीतीश ने तत्कालीन मंत्री मुकेश सहनी से सफाई देने कहा था। नीतीश कुमार से मिलकर मुकेश सहनी विधान परिषद के बाहर आकर सफाई थी। तब मुकेश सहनी ने कहा था कि ऐसी कोई प्लानिंग नहीं थी कि मेरा भाई ही कार्यक्रम में जाएगा. लेकिन वह चला गया तो वहां मौजूद लोगों ने उससे कार्यक्रम सम्पन्न कराया. अब इसी बात का मुद्दा बनाया जा रहा है. ऐसे में आने वाले समय में इन सब बातों पर मैं ध्यान रखूंगा. अगर इससे लोगों को तकलीफ हुई है, तो मैं माफी मांगता हूं. आगे अगर कभी ऐसा हुआ तो उसके लिए मैं जुर्माना देने को तैयार हूं.